Archery New Coach: विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप से पहले लग सकता है भारत को झटका, वेतन विवाद में फंसी कोच ली की नियुक्ति
प्रसिद्ध तीरंदाजी कोच कीसिक ली की भारतीय रिकर्व टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्ति साई के साथ वेतन और टैक्स पर असहमति के कारण अधर में लटक गई है। लगभग तीन महीने बाद भी औपचारिक अनुबंध नहीं भेजा गया है जिससे निराश होकर कोच ली अब अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। विश्व के जाने-माने तीरंदाजी कोच कीसिक ली की भारतीय रिकर्व टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्ति अधर में लटक गई है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ वेतन और टैक्स के मुद्दों पर बात अटक गई है, जिसके चलते लगभग तीन महीने बाद भी उन्हें
औपचारिक अनुबंध नहीं भेजा गया है। इस देरी से निराश होकर कोच ली अब दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जिससे भारतीय तीरंदाजी को एक बड़ा झटका लग सकता है।
साई का वादे से मुकरना
सूत्रों के अनुसार, नौ जून को हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में साई, भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआइ) और टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टाप्स) के अधिकारियों ने कीसिक ली को 20 हजार डालर (मौजूदा दर पर लगभग 16.6 लाख रुपये) प्रति माह का टैक्स-फ्री वेतन देने पर सहमति जताई थी।
इस वेतन के साथ वे भारत के सबसे महंगे विदेशी कोच बन जाते। लेकिन अब साई कथित तौर पर इस राशि को कम करने के लिए फिर से मोलभाव कर रहा है, जिससे पूरा मामला खटाई में पड़ गया है।
टैक्स के जाल में उलझा अनुबंध
इस देरी के पीछे एक बड़ा कारण टैक्स से जुड़े नियम भी हैं। यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि ली के वेतन को 20 प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा जाएगा या नहीं। इन्हीं तकनीकी वजहों से अनुबंध को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।
एएआइ के अधिकारियों ने चिंता जताई है कि ली का धैर्य अब जवाब दे रहा है और उन्होंने दूसरी जगह नौकरी तलाशनी शुरू कर दी है। इस पूरे मामले पर साई से जवाब मांगने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
विश्व चैंपियनशिप से पहले बड़ा झटका
कीसिक ली को पांच से 12 सितंबर तक दक्षिण कोरिया के ग्वांगझू में होने वाली विश्व चैंपियनशिप से पहले भारतीय टीम की कमान संभालनी थी। अगर उनकी नियुक्ति जल्द नहीं होती है, तो इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में भारतीय टीम को उनके अनुभव का लाभ नहीं मिल पाएगा। बैठक हुए लगभग तीन महीने बीत चुके हैं और देश के खेल प्रशासकों की ओर से कोई ठोस जवाब न मिलने के कारण ली निराश हैं।
कौन हैं कीसिक ली?
कीसिक ली को तीरंदाजी की दुनिया में एक बड़ा नाम माना जाता है। उन्होंने 1981 से 1997 तक दक्षिण कोरियाई टीम को कोचिंग दी और उसे एक बड़ी ताकत बनाया। इसके बाद उन्होंने आस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका की तीरंदाजी टीमों के प्रदर्शन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
उनकी विशेषज्ञता और शानदार ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए ही भारतीय तीरंदाजी संघ ने उनसे संपर्क साधा था, ताकि देश का ओलंपिक पदक का सपना पूरा हो सके
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