नए साल में बढ़ेगी मरीजों की परेशानी, MGM में 31 दिसंबर से ठप होगी सिटी स्कैन और इको जांच की सुविधा
नए साल में जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में मरीजों की मुश्किलें बढ़ेंगी। 31 दिसंबर से सिटी स्कैन और इको जांच जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाएं अस्थायी रूप ...और पढ़ें

डॉ. आरके मंधान, अधीक्षक, एमजीएम। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए आने वाले दिन और कठिन होने वाले हैं। 31 दिसंबर के बाद अस्पताल में सिटी स्कैन और इको जैसी महत्वपूर्ण जांच सुविधाएं बंद हो जाएंगी। इसका सीधा असर गंभीर मरीजों पर पड़ेगा, जिन्हें अब जांच के लिए बाहर के निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ेगा।
एमजीएम में सिटी स्कैन, इको सहित कई अत्याधुनिक जांच सुविधाएं स्थायी रूप से उपलब्ध नहीं हैं। फिलहाल ये सुविधाएं पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर हेल्थ मैप कंपनी द्वारा संचालित की जा रही थीं, लेकिन अब कंपनी का करार 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में नए साल से ये सुविधाएं बंद हो जाएंगी, जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ना तय माना जा रहा है।
गंभीर मरीजों के लिए सिटी स्कैन व इको क्यों जरूरी
डॉक्टरों के अनुसार सड़क दुर्घटना, ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक, सिर में गंभीर चोट, पेट के अंदरूनी रक्तस्राव और हृदय संबंधी बीमारियों में सिटी स्कैन और इको जांच बेहद जरूरी होती है। इन जांचों के अभाव में डॉक्टरों को सही इलाज शुरू करने में दिक्कत होती है और कई मामलों में मरीज की जान भी जोखिम में पड़ सकती है।
रोजाना एक दर्जन से अधिक मरीजों को जाना पड़ेगा बाहर
सिटी स्कैन बंद होने से रोजाना एक दर्जन से अधिक मरीजों को जांच के लिए निजी अस्पतालों में भेजना पड़ेगा। इससे न सिर्फ इलाज में देरी होगी, बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा।
पैथोलाजी सेवा पहले ही ठप, मरीज पहले से परेशान
गौरतलब है कि हाल ही में सभी तरह की पैथोलाजी जांच उपलब्ध कराने वाली मेडाल कंपनी का करार भी समाप्त हो चुका है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन स्थायी तौर पर सेंट्रलाइज्ड पैथोलाजी लैब शुरू करने की तैयारी कर रहा है और प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में बताई जा रही है, लेकिन फिलहाल मरीजों को बाहर से कुछ-कुछ जांच करानी पड़ रही है।
MGM में सिटी स्कैन व एमआरआइ मशीन लगाने की तैयारी अधूरी
एमजीएम प्रबंधन के अनुसार अस्पताल परिसर में सिटी स्कैन और एमआरआइ मशीन लगाने के लिए जगह भी तैयार कर ली गई है। मशीनें रांची स्थित संबंधित कारपोरेशन से आनी हैं, लेकिन अब तक खरीद प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। जबकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गंभीर मरीजों की संख्या को देखते हुए इन मशीनों की सख्त जरूरत है।
नए साल की शुरुआत में बढ़ सकती है स्वास्थ्य संकट
अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो नए साल की शुरुआत में एमजीएम में इलाज कराने आने वाले सैकड़ों मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। सरकारी अस्पताल में सुविधाओं की कमी एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
हेल्थ मैप कंपनी का करार समाप्त हो रहा है। इसे लेकर विभाग को पत्र लिखकर आगे की कार्रवाई और मार्गदर्शन मांगा जा रहा है, ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो। -डॉ. आरके मंधान, अधीक्षक, एमजीएम

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