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    टाटा ऑडिटोरियम में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन 21 को

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 18 May 2017 02:51 AM (IST)

    ैनिक जागरण एक बार फिर अपने पाठकों को साहित्य की सरिता में गोते लगवाने को तैयार है।

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    टाटा ऑडिटोरियम में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन 21 को

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :

    दैनिक जागरण एक बार फिर अपने पाठकों को साहित्य की सरिता में गोते लगवाने को तैयार है। पिछले 15 वर्ष की परंपरा को जारी रखते हुए इस बार भी नामचीन हस्ताक्षरों की जुटान होगी, जिनमें डॉ. हरिओम पवार, डॉ. विष्णु सक्सेना, डॉ. सुरेश अवस्थी, डॉ. अनामिका अंबर व डॉ. अनिल चौबे शामिल हैं।

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    एक्सएलआरआइ स्थित टाटा आडिटोरियम में 21 को जमने वाली साहित्यिक महफिल में श्रोता साहित्य की लगभग हर विधा का आनंद ले सकेंगे। इस सम्मेलन के शीर्ष हस्ताक्षर होंगे मेरठ निवासी डॉ. हरिओम पवार। वीर रस के नामचीन कवि राष्ट्र चेतना की कविताएं पढ़ते हैं। सत्ता की आंख में आंख डालकर कविता पढ़ने के लिए पवार पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। किसी भी कवि सम्मेलन में इनकी मौजूदगी ही काफी होती है। वैसे पवार जमशेदपुर कई बार आ चुके हैं, लिहाजा यहां इनके प्रशंसकों की लंबी फेहरिस्त है।

    सम्मेलन के दूसरे कवि विष्णु सक्सेना अलीगढ़ से हैं। प्रेम-मोहब्बत के गीत पढ़ने और गुनगुनाते हुए श्रोताओं से खास रिश्ता बना लेते हैं। इन्हें साहित्यिक दुनिया का श्रेष्ठ सम्मान 'यश भारती' भी मिल चुका है। युवा दिलों की धड़कन विष्णु सक्सेना पूरी दुनिया में कविताएं पढ़ चुके हैं। सक्सेना भी शहर में कई बार कविता पढ़ चुके हैं।

    महफिल के तीसरे बड़े हस्ताक्षर डॉ. सुरेश अवस्थी हैं, जो कानपुर से आते हैं। दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अवस्थी दैनिक जागरण के लिए 15 वर्ष से कवि सम्मेलनों का आयोजन करते आ रहे हैं। दैनिक जागरण ने अब तक करीब 80 कवि सम्मेलन हो चुके हैं। हास्य-व्यंग्य के साथ गीत व वीर रस की विधा में भी माहिर हैं। इन्हें मंच संचालन का भी खासा अनुभव है। राष्ट्रपति सम्मान से विभूषित डॉ. सुरेश अवस्थी कई टीवी सीरियल के लिए अपनी कलम चला चुके हैं। इन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं, जो देश भर में लोकप्रिय हुई। शहर में अब तक हुए दैनिक जागरण के हर कवि सम्मेलन में इनकी उपस्थिति रही है।

    बनारस के डॉ. अनिल चौबे हास्य-व्यंग्य के शिष्ट कवि हैं। गाते-गुनगुनाते हुए श्रोताओं को आनंदित करते हैं, तो ज्वलंत विषयों पर चुटकियां भी लेते हैं। नई पीढ़ी के कवियों में इनका नाम जाना-पहचाना है।

    सम्मेलन की इकलौती महिला कवि डॉ. अनामिका अंबर मेरठ से हैं। युवा व खूबसूरत अनामिका प्रेम व श्रृंगार रस की कविताएं पढ़ती-गुनगुनाती हैं।