Updated: Fri, 09 May 2025 04:40 PM (IST)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 14325 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाला और फॉरेस्ट लैंड डील में विक्की भालोटिया को गिरफ्तार किया है। कोलकाता रांची और जमशेदपुर में छापेमारी की गई। आरोपियों पर फर्जी कंपनियां बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट हड़पने का आरोप है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दस्तावेजों और बैंक खातों की जांच कर रही है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 14 हजार 325 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले और फॉरेस्ट लैंड डील में कथित अनियमितता के मामले में गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की।
जुगसलाई नया बाजार निवासी कारोबारी विक्की भालोटिया को सुबह शुरू हुई छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। टीम ने उनकी मेडिकल जांच कराने के लिए एमजीएम अस्पताल ले गई।
कोलकाता से अमित गुप्ता, सुमित गुप्ता और शिवकुमार देवड़ा को भी गिरफ्तार कर लिया है। ईडी और डीजीसीआई की संयुक्त टीम ने कोलकाता, रांची और जमशेदपुर के नौ ठिकानों पर दबिश दी।
जुगसलाई में विक्की भालोटिया के आवास और कार्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए), 2002 के तहत कई दस्तावेज, डिजिटल डाटा, बैंक खातों की जानकारी और अघोषित संपत्तियां जब्त की है।
फर्जी बिलों से सरकारी खजाने को चूना
जांच में पता चला कि आरोपियों ने सैकड़ों फर्जी कंपनियां बनाकर 14 हजार 325 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी बिल तैयार किए। इनके जरिए 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हड़पा गया।
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सुमित गुप्ता पर 135 बोगस फर्म चलाने का आरोप है, जबकि भालोटिया इनके संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
मार्च 2024 में डीजीसीआई ने 132 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाला का खुलासा किया था, जिसमें भालोटिया, अमित गुप्ता, सुमित गुप्ता और शिवकुमार देवड़ा को गिरफ्तार किया गया था। इस घोटाले का दायरा ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु तक फैला है।
फॉरेस्ट लैंड डील में गड़बड़ी का शक
ईडी ने रांची के बिल्डर विवेक नरसरिया के कांके रोड स्थित श्रीराम गार्डन अपार्टमेंट में भी तलाशी ली। यह कार्रवाई बोकारो में फॉरेस्ट लैंड की अवैध खरीद-बिक्री से जुड़ी है।
ईडी को शक है कि घोटाले से कमाए गए पैसे को रियल एस्टेट, शेल कंपनियों, नकद लेन-देन और संभवतः विदेशी खातों में खपाया गया। जांच में कुछ ऐसी संपत्तियां भी मिलीं, जो कागजों में कम कीमत पर दर्ज हैं, लेकिन उनकी वास्तविक कीमत करोड़ों में है।
पहले भी कानूनी शिकंजे में भालोटिया और उनके सहयोगी बबलू जायसवाल पहले जीएसटी घोटाले में जेल जा चुके हैं।
सुमित गुप्ता को अप्रैल 2024 में कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। ईडी अब जब्त डिजिटल डाटा और बैंक लेन-देन की गहन जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, जांच के बाद इस नेटवर्क से जुड़े और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
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