JSCA स्टेडियम निर्माण में घोटाला, अध्यक्ष अजयनाथ शाहदेव को ईडी का समन
झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) में वित्तीय अनियमितताओं का पुराना जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रांची में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में हुई कथित गड़बड़ियों के मामले में जांच तेज कर दी है। इसी सिलसिले में ईडी ने जेएससीए के नवनियुक्त अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजयनाथ शाहदेव को समन भेजकर 11 नवंबर को पूछताछ के लिए रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में तलब किया है। यह मामला एक दशक से भी ज्यादा पुराना है।

JSCA स्टेडियम निर्माण में घोटाला।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) में वित्तीय अनियमितताओं का पुराना जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रांची में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में हुई कथित गड़बड़ियों के मामले में जांच तेज कर दी है।
इसी सिलसिले में ईडी ने जेएससीए के नवनियुक्त अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजयनाथ शाहदेव को समन भेजकर 11 नवंबर को पूछताछ के लिए रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में तलब किया है। यह मामला एक दशक से भी ज्यादा पुराना है।
हालांकि यह मामला जेएससए के तत्कालीन अध्यक्ष अमिताभ चौधरी से जुड़ा है। इस विवाद से वर्तमान अध्यक्ष अजयनाथ शाहदेव का कुछ लेना-देना नहीं है।
196 करोड़ के फंड में हेराफेरी का आरोप
यह पूरा विवाद रांची में बने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण से जुड़ा है। आरोप है कि स्टेडियम निर्माण के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से मिले करीब 196 करोड़ रुपये के फंड में भारी हेराफेरी की गई थी।
पूर्व रणजी खिलाड़ी उज्जवल दास और शेषनाथ पाठक ने इस मामले में सबसे पहले आवाज उठाई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि स्टेडियम निर्माण का बजट शुरू में काफी कम था, जो बाद में बढ़कर लगभग 250 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।
अदालत के आदेश पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
शिकायतकर्ताओं ने इस मामले में तत्कालीन जेएससीए अध्यक्ष (दिवंगत) अमिताभ चौधरी, पूर्व सचिव राजेश वर्मा और पूर्व कोषाध्यक्ष गोविंदो मुखर्जी समेत कई अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी। पुलिस द्वारा आनाकानी करने पर उन्होंने जमशेदपुर की अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
हालांकि, बाद में स्थानीय पुलिस ने जांच कर मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी, जिसे अदालत ने नामंजूर कर दिया था। मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल को देखते हुए ईडी ने इस केस को टेकओवर कर लिया है।
ईडी अब इस बात की जांच कर रही है कि बीसीसीआई से मिले फंड का कहीं दुरुपयोग तो नहीं हुआ और क्या निर्माण लागत बढ़ाकर अवैध कमाई की गई। एजेंसी ने जेएससीए से साल 2009 से 2016 तक के सभी वित्तीय लेन-देन और स्टेडियम निर्माण पर हुए खर्चों का पूरा ब्योरा मांगा है।

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