Champai Soren: चंपई सोरेन को चक्रव्यूह में उलझाने की रणनीति में जुटे JMM के नेता, 2 सीटों पर सियासत तेज
झारखंड चुनाव में भाजपा के लिए स्टार प्रचारक बने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को घेरने के लिए झामुमो ने रणनीति तैयार की है। झामुमो चंपई को सरायकेला और घाटशिला विधानसभा सीट पर ही उलझाए रखना चाहता है। इसके लिए झामुमो ने चंपई के भाजपा में ही उनके विरोधियों की तलाश की और रणनीतिक तौर पर इस दिशा में काम आगे बढ़ाया।

वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर। भाजपा के लिए स्टार प्रचारक बन चुके पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को घेरने के लिए झामुमो ने रणनीति तैयार की है। दरअसल, कोल्हान समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में पकड़ रखने वाले चंपई सोरेन का भाजपा व्यापक रूप से पूरे राज्य में आदिवासी वोटरों को साधने के लिए उपयोग कर रही है।
उधर, झामुमो अपना नुकसान बचाने के लिए चंपई को कोल्हान में ही उलझाए रखना चाहता है। कोल्हान के कुछ नेताओं के भाजपा छोड़कर झामुमो में शामिल होने से उसकी यह रणनीति कुछ हद तक कारगर भी होती दिख रही है। झामुमो चंपई को सरायकेला व घाटशिला विधानसभा सीट पर ही उलझाए रखना चाहता है।
बताया जाता है कि झामुमो ने सुनियोजित तरीके से चंपई के भाजपा मे ही उनके विरोधियों की तलाश की और रणनीतिक तौर पर इस दिशा में काम आगे बढ़ाया। इसके बाद आधे दर्जन से अधिक भाजपा नेताओं को झामुमो में शामिल कराया गया।
इनमें संताल क्षेत्र की लुईस मरांडी को छोड़ अन्य नेता पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी, पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू, जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू व गणेश माहली, बास्को बेसरा कोल्हान के ही हैं। गणेश माहली चंपई को कई बार टक्कर दे चुके हैं।
हर बार 1500 से 3000 के अंतर से गणेश माहली को शिकस्त मिली। पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू भी सरायकेला सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। बास्को बेसरा की पहचान भी क्षेत्र में कद्यावार नेता के रूप में हैं, उनका अपना वोट बैंक है।
इसके अलावा पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी और उनके पिता पूर्व मंत्री डा. दिनेश षड़ंगी की पकड़ ओडिया वोटरों की बीच अच्छी है। झामुमो इन सारे फैक्टरों को सरायकेला, घाटशिला व बहरागोड़ा सीट पर आजमाना चाहता है। गणेश माहली व षड़ंगी परिवार का क्षेत्र में अपना जनाधार है।
इस जनाधार का सदुपयोग हेमंत सोरेन चाहते हैं। इसके लिए सभी को टास्क दे दिया गया है। घाटशिला, पोटका तथा जुगसलाई क्षेत्र में जिला परिषद अध्यक्षा बारी मुर्मू के अलावा कुणाल, लक्ष्मण भी स्टार प्रचारक के रूप में काम करेंगे। खरसावां में भी कुणाल व उनके पिता ओडिया वोटरों तो लक्ष्मण आदिवासी वोटरों को साधने का पूरा प्रयास करेंगे।
चंपई के प्रभाव वाली सीटों पर झामुमो की पैनी नजर
- पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भाजपा को यह आश्वस्त किया है कि उन्होंने जिन तीन सीटों से अपने प्रत्याशी दिए है, उन्हें लेकर पार्टी निश्चिंत रहे।
- चंपई ने भाजपा से स्वयं अपने लिए सरायकेला, बेटे बाबूलाल सोरेन के लिए घाटशिला व अपने चेले सोनाराम बोदरा के लिए खरसावां विधानसभा सीट मांगी थी। पार्टी ने दिया भी।
- अब चंपई इन तीन सीटों पर अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। झामुमो भी चाहता है कि चंपई को इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में ही उलझे रहें।
- हालांकि, संताल क्षेत्र के चुनाव दूसरे चरण में होने के कारण चंपई को कोल्हान के चुनाव के बाद उधर फोकस करने का समय मिल जाएगा।
क्षेत्रीय विक्षुब्ध कार्यकर्ता व समर्थकों पर भी नजर
झामुमो घाटशिला, सरायकेला व खरसावां में विक्षुब्ध भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं से सीधे संपर्क करने के लिए भी अलग से टीम बनाई हुई है। वे लगातार भाजपा के विक्षुब्ध नेताओं व कार्यकर्ताओं पर नजर गड़ाए हुए हैं।
रोजाना इसका फीडबैक भी टीम में शामिल सदस्यों द्वारा पार्टी मुख्यालय व सीधे हेमंत सोरेन को दिया जा रहा है। इस टीम में छह सदस्य शामिल हैं। इसमें झामुमो, कांग्रेस व राजद के सक्रिय कार्यकर्ताओं को रखा गया है।
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