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    झारखंड पहुंची बिहार चुनाव की तल्खी, घाटशिला उपचुनाव में JMM प्रत्याशी ने RJD और कांग्रेस से बनाई दूरी

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 12:50 PM (IST)

    झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने घाटशिला उपचुनाव के लिए रामदास सोरेन के बेटे को प्रत्याशी घोषित किया। कांग्रेस के समर्थन के बावजूद, झामुमो ने इंडी गठबंधन के साथ कोई संयुक्त बैठक नहीं की। सोमेश सोरेन ने रांची से सिंबल लेकर जमशेदपुर में नेताओं से मुलाकात की, लेकिन गठबंधन दलों से दूरी बनाए रखी। बिहार में सीट न मिलने से झामुमो में नाराजगी है, और नामांकन सभा में गठबंधन की एकजुटता देखने लायक होगी।

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    संवाद सहयोगी, घाटशिला। बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)ने घाटशिला उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी के रूप में दिवगंत मंत्री रामदास सोरेन के पुत्र के नाम की घोषणा कर दिया।

    झामुमो ने प्रत्याशी चयन के बाद संयुक्त रूप से इंडी गठबंधन के संग कोरम निभाने के लिए भी कोई बैठक नहीं की। सीधे अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया। कांग्रेस प्रत्याशी के घोषणा से पहले ही झामुमो को समर्थन देकर उपचुनाव में अपने हाथ खड़े कर चुकी है। 

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    ऐसे में झामुमो ने इस पर कांग्रेस संग भी कोई विशेष चर्चा भी नहीं की। जबकि झामुमो का कांग्रेस प्रमुख सहयोगी दल है। 

    सिंबल ले सीधे रांची से जमशेदपुर लौटे प्रत्याशी सोमेश 

    घाटशिला उपचुनाव के प्रत्याशी सोमेश सोरेन रांची में झामुमो का सिंबल लेकर सीधे जमशेदपुर पहुंचे। घोषणा के बाद रांची में झामुमो नेताओं से मिले। हेमंत व कल्पना संग सोमेश के पूरे परिवार ने मुलाकात की। 

    इसके बाद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के आवास जाकर उनकी पत्नी रूपी सोरेन से मिलकर सोमेश ने पांव छूकर आशीर्वाद लिया, फिर जमशेदपुर के उलियान में आकर स्व निर्मल महतो को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

    हालांकि इस बीच झामुमो के प्रत्याशी ने गठबंधन दल में कांग्रेस, राजद या सीपीआई के शीर्ष नेता,प्रदेश अध्यक्ष या अन्य से रांची में कोई मुलाकात नहीं की। दोनों ही प्रमुख दल सरकार के सहयोगी है। 

    बिहार में सीट न मिलने से JMM नाराज

    इधर कांग्रेस या राजद के किसी बड़े नेता ने झामुमो प्रत्याशी चयन पर अभी तक अपने सोशल मीडिया पेज पर भी शुभकामनाएं या कुछ नहीं लिखा। हो सकता है ये भी रणनीति का हिस्सा हो या बिहार के बदलते समीकरण का कारण। 

    बहरहाल जो भी हेमंत सोरेन अपनी पूरी ताकत से ही उपचुनाव को जीतने का दमखम दिखाने वाले है। राजनीति के जानकार ये भी कहते है की बिहार का झारखंड में असर दिख रहा। 

    बिहार में सम्मानजनक सीट न मिलने से झामुमो के अंदरखाने नाराजगी तो है। अब देखना होगा की कल 17 अक्टूबर को घाटशिला में होने वाले नामांकन सभा में इंडी गठबंधन की एकजुटता किस रूप में नजर आएगी।