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    सातवीं क्लास की वान्या ने लॉकडाउन में लिखीं तीन किताबें, जमशेदपुर की है बेटी

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Sun, 21 Mar 2021 04:09 PM (IST)

    मॉडर्न हाई स्कूल फॉर गर्ल्स कोलकाता में सातवीं क्लास में पढ़ने वाली वान्या जैन ने लॉकडाउन का सदुपयोग करते हुए अब तक अंग्रेजी में तीन किताबें लिख ड़ाली है जो इन दिनों अमेजन किंडल में काफी ट्रेंड कर रही है। वान्या की किताब की किताब टॉप 100 में शामिल है

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    वान्या को बचपन से किताबें पढ़ने का शौक है ।

    जमशेदपुर, निर्मल। कहानी लिखने वाले कथाकार सोच के सागर की गहराई से शब्दों की मोती निकाल लेते हैं। एेसी अदभुत क्षमता सातवीं क्लास में पढ़ने वाली 12 साल की वान्या जैन में भी है। मॉडर्न हाई स्कूल फॉर गर्ल्स, कोलकाता में सातवीं क्लास में पढ़ने वाली वान्या जैन ने लॉकडाउन का सदुपयोग करते हुए अब तक अंग्रेजी में तीन किताबें लिख ड़ाली है जो इन दिनों अमेजन किंडल में काफी ट्रेंड कर रही है। वान्या की किताब की किताब टॉप 100 में शामिल है और इसे अब तक लगभग 1.70 लाख लोग पढ़ चुके हैं।

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    जुगसलाई के स्टेशन रोड में रहनेवाली वान्या के पिता नवीन जैन का यहां कपड़े का व्यापार है। वान्या को बचपन से किताबें पढ़ने का शौक है और अपने जन्मदिन पर भी वह पिता नवीन और मां प्रीति जैन से उपहार में किताब ही मांगती थी। वान्या अब तक 100 से ज्यादा किताबें पढ़ चुकी हैं। लॉकडाउन में जब वान्या घर आई तो खाली समय का सदुपयोग करते हुए उसने किताब लिखने की ठानी। उसकी पहली किताब ट्रायल ऑफ ट्रेल है जो एक छुट्टी मनाने अलास्का गए गए परिवार के ईद-गिर्द घूमती है। थ्रिलर व एडवेंचर से भरपूर 40 पेज की इस कहानी में कैसे एक परिवार परेशानी में फंसता है और वे किस तरह से एक-दूसरे की मदद करते हुए बाहर निकलते हैं, इसका पूरा वृतांत है।

    दूसरी किताब, पर्ल एट द पैलेस

    इसके बाद वान्या ने दूसरी किताब, पर्ल एट द पैलेस लिखी। जिसमें विदेश से एक परिवार विवाह समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारत आता है। यहां परिवार के सदस्य पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाज वाली शादी में शामिल होता है लेकिन वे एक परेशानी में फंस जाते है। ये कैसे उस परेशानी से निकले उस पर कहानी है। वहीं, वान्या की तीसरी किताब चिशी हाइकू लिखी है जो मुख्य रूप से छोटी-छोटी 60 कविताओं का संग्रह है। इसमें वान्या ने कविताओं से संबधित कई चित्र भी बनाए हैं जो उनकी कविताओं को परिकल्पना करने में मदद करती है। इसके बाद वान्या अपनी चौथी किताब भी लिख रही है जिसका वह किंडल में जल्द प्रकाशन करने वाली है।

    लोयोला की टीचर से मिली प्रेरणा

    वान्या बताती हैं कि सोनारी के आशियाना गार्डेन में लोयला स्कूल की टीचर शाउन मित्रा उनके पड़ोस में रहती थी। मैं उनके घर खेलने जाती थी लेकिन टीचर के पास इतनी अच्छी-अच्छी किताबें होती थी कि उन्हें किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने ही मुझे अपनी सोच को शब्दों में ढ़ालने की प्रेरणा दी। वो हमेशा मुझे इस क्षेत्र में गाइड करती रहती हैं।

    प्रकाशन का उद्देश्य पैसे कमाना नहींः नवीन

    वान्या के पिता नवीन बताते हैं कि अमेजन किंडल में निशुल्क किताब प्रकाशन की सुविधा है और अब तक वान्या को किताब की बिक्री व सस्क्राइब से 700 रुपये की कमाई भी हो चुकी है। हालांकि इसमें अमेजन बड़ा हिस्सा खुद रख लेती है लेकिन हमारा उद्देश्य पैसे कमाना नहीं है। किंडल में किताब प्रकाशन से वान्या को वैश्विक रूप से पहचान मिली है। नीदरलैंड तक से उनके किताब को लेकर अच्छे कमेंट्स मिल रहे हैं।