Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand News: घाघीडीह सेंट्रल जेल की पहली मंजिल से कूदकर कैदी ने की खुदकुशी, CCTV में रिकॉर्ड हुई घटना

    By Jagran NewsEdited By: Paras Pandey
    Updated: Sun, 01 Oct 2023 05:00 AM (IST)

    Jharkhand News परसुडीह थाना क्षेत्र घाघीडीह केंद्रीय कारा के 34 वर्षीय विचाराधीन बंदी विश्वनाथ सोरेन ने शनिवार सुबह ए सेक्टर वार्ड की पहली मंजिल से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। वह अपनी चाची नोवा सोरेन की हत्या के आरोप में 2019 से जेल में बंद था। वह मानगो के एमजीएम थाना क्षेत्र के डालापानी डूंगरी टोला का निवासी था।

    Hero Image
    सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुआ हुआ था सुसाइड (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता,जमशेदपुर। परसुडीह थाना क्षेत्र घाघीडीह केंद्रीय कारा के 34 वर्षीय विचाराधीन बंदी विश्वनाथ सोरेन ने शनिवार सुबह ए सेक्टर वार्ड की पहली मंजिल से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। वह अपनी चाची नोवा सोरेन की हत्या के आरोप में 2019 से जेल में बंद था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वह मानगो के एमजीएम थाना क्षेत्र के डालापानी डूंगरी टोला का निवासी था। हत्या मामले में जमानत नहीं मिलने के कारण वह काफी तनाव में था। घटना की जानकारी विश्वनाथ के साथ जेल में बंद उसके साथी ने जेल प्रशासन को दी। वहीं परसुडीह थाना की पुलिस ने बंदी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

    उपायुक्त के आदेश पर मेडिकल बोर्ड की टीम ने मानवाधिकार आयोग के नियमानुसार कार्यपालक दंडाधिकारी संतोष कुमार की मौजूदगी में पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई। बंदी की खुदकुशी की घटना वार्ड में लगा सीसीटीवी में कैद है।

    घटना की जानकारी जेल अधीक्षक नागेंद्र प्रसाद सिंह ने परसुडीह थाना की पुलिस को दी। बंदी के सिर में गंभीर चोट लगी थी। विश्वनाथ सोरेन जेल के ए सेक्टर वार्ड के ऊपरी तल्ले में बंद था। शनिवार सुबह 5.40 बजे वार्ड खुलने पर वार्ड के सभी बंदी बाहर निकल गए थे।

    कोई बाथरूम तो कोई शौचालय में था। दस मिनट तक वार्ड में ही अकेले विश्वनाथ घूमता रहा। आगे-पीछे होता रहा। उसके बाद प्रथम मंजिल से सीढ़ी से कुछ कदम नीचे उतरा। कुछ समय बाद प्रथम मंजिल की रेलिंग पर चढ़ गया। इसके बाद पीठ के बल वह नीचे की ओर सीधे जमीन पर गिरा।

    जोरदार आवाज हुई। जेल के अन्य बंदी मौके पर पहुंचे। उसे एमजीएम अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। नागेंद्र प्रसाद सिंह जो कि जेल अधीक्षक है बताते है कि, उसकी खुदकुशी को लेकर यह बात भी सामने आ रही है कि चार दिनों से वह स्वजन से संपर्क करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन दबंग बंदी उसे संपर्क नहीं करने दे रहे थे। इस कारण भी वह तनाव में था। हत्या के आरोप में बंदी चार साल से बंद था। सीसीटीवी फुटेज में देखने से ऐसा लग रहा था कि उसने पीठ के बल गिरकर खुदकुशी की है।