कोरोना के बाद डाकघर का बढ़ा क्रेज, दो साल में खुले 11 लाख से अधिक खाते, लगातार बढ़ रही खाता धारकों की संख्या
कोरोना के बाद झारखंड में डाकघर का क्रेज तेजी से बढ़ा है। बीते 22 महीने यानी दो साल से भी कम समय में राज्य में ग्यारह लाख खाते खुले हैं। अच्छी बात यह है कि खाताधारकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

अमित तिवारी, जमशेदपुर: कोरोना के बाद झारखंड में डाकघर का क्रेज तेजी से बढ़ा है। बीते 22 महीने यानी दो साल से भी कम समय में राज्य में ग्यारह लाख खाते खुले हैं। अच्छी बात यह है कि खाताधारकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
40 फीसद खाता धारकों का हुआ इजाफा
बीते साल की अपेक्षा इस साल खाता धारकों की संख्या में लगभग 40 प्रतिशत की इजाफा हुआ है। डाकघर पर लोगों का भरोसा बढ़ने का मुख्य कारण है कि ये समय के साथ अपने आप को तेजी से बदला है। अन्यथा बीएसएनएल वाला हाल डाकघर का भी हो जाता।
बैंक की तर्ज पर सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा डाकघर
डाकघर अब बैंकों की तर्ज पर सभी सुविधाएं अपने ग्राहकों को उपलब्ध करा रहा है। वहीं, जब कोरोना काल में पूरा देश ठहर गया था, तब भी डाकघरों ने अहम भूमिका निभाई। लोगों के घर जा-जाकर खाता खोलने का काम किया गया। चूंकि लोगों को तमाम योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाना था।
खाता खोलने में सबसे आगे पलामू
खाता खोलने में पलामू राज्य में पहले पायदान पर है। इस साल यहां अभी तक कुल एक लाख 6 हजार 176 खाता खुला हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर रांची और तीसरे स्थान पर सिंहभूम मंडल है।
सिंहभूम मंडल में इस साल कुल अभी तक एक लाख 31 खाता खुला है। बीते साल सबसे अधिक डाक खाते धनबाद में खोले गए थे।
सिंहभूम मंडल में खुला एक लाख पचहत्तर हजार नया खाता
सिंहभूम मंडल यानी कोल्हान में बीते दो साल में कुल एक लाख 75 हजार 853 लोगों का खाता खोला गया है। इसमें बीते साल 75,822 व इस साल 100,031 लोगों ने खाता खुलवाया है।
वहीं, कोल्हान में अभी तक कुल 13 लाख 41 हजार 26 लोगों ने खाता खुलवाया है। सबसे अधिक खाता बिष्टुपुर प्रधान डाकघर में 127060 है। वहीं, चाईबासा प्रधान डाकघर में कुल 95476 है। जबकि टाटा नगर उप-डाकघर में 57746 खाता है।
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