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    Jharkhand News: कोल्हान के जंगल में दिखा सीआरपीएफ का मानवीय चेहरा, आग से झुलसी लड़की का किया इलाज

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Sat, 25 Nov 2023 11:03 PM (IST)

    कोल्हान के घनघोर जंगल में लंबे समय से नक्सलियों से मोर्चा ले रहे सुरक्षाबलों के जवान अपनी जान की परवाह किये बगैर मानवीय संवेदना का परिचय दे रहे हैं। ताजा उदाहरण पश्चिमी सिंहभूम जिले के अति नक्सल प्रभावित पतातरोब गांव का है। सीआरपीएफ ने इस गांव में आग से बुरी तरह झुलस रही एक युवती की जान बचाकर मानवता की मिसाल पेश की है।

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    कोल्हान के जंगल में दिखा सीआरपीएफ का मानवीय चेहरा।

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। कोल्हान के घनघोर जंगल में लंबे समय से नक्सलियों से मोर्चा ले रहे सुरक्षाबलों के जवान अपनी जान की परवाह किये बगैर मानवीय संवेदना का परिचय दे रहे हैं। ताजा उदाहरण पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो थाना अंतर्गत अति नक्सल प्रभावित पतातरोब गांव का है।

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    सीआरपीएफ ने इस गांव में आग से बुरी तरह झुलस रही एक युवती की जान बचाकर मानवता की मिसाल पेश की है। टोंटो थाना अन्तर्गत पतातरोब गांव निवासी 17 वर्षीय युवती नामसी बहंदा एक सप्ताह पहले अपने घर पर आग से बुरी तरह से झुलस गई थी।

    सूचना मिलते ही सहायक कमांडेंट ने लिया एक्शन

    इस घटना की सूचना सप्ताह भर बाद शनिवार को तुम्बाहाका में सीआरपीएफ की बी/197 बटालियन के कैंप कमांडर सहायक कमांडेंट चंद्र प्रताप तिवारी को हुई। उन्होंने तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की।

    उनके निर्देश पर 197 बटालियन एवं 209 कोबरा बटालियन के जवान जमीन में लगे आइईडी, बूबी ट्रैप, स्पाइक होल आदि की परवाह किये बगैर उक्त स्थल पहुंचे।

    कोबरा बटालियन के चिकित्सा पदाधिकारी ने किया इलाज

    इसके बाद 203 कोबरा बटालियन के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर इन गुनालन के प्रयास से उक्त पीड़ित लड़की का प्राथमिक उपचार किया गया। इसके बाद जरूरत के अनुसार उसे दवाइयां, फल इत्यादि भी दी गयी।

    बुरी तरह जल गया था युवती का हाथ

    युवती का हाथ बुरी तरह से जल गया था एवं जलने की वजह से उसकी उंगली व अन्य हिस्सा आपस में सट गया है। साथ ही इलाज के अभाव में घाव काफी बढ़ गया था जिसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल चाईबासा में जाने के लिए कहा गया।

    ग्रामीणों की मदद के लिए सदैव तत्पर रही है बटालियन

    बता दें कि जब से 197 बटालियन की एफओबी पतातरोब एवं तुंबाहाका में स्थापित की गयी है, तब से स्थानीय ग्रामीण लोगों को दिन रात चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ हर संभव मदद करने के लिए सदैव तत्पर है एवं कभी भी इस प्रकार की घटना होने पर हर संभव सहायता की जा रही है।

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