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    खतियान में 'मुस्लिम' लिखे जाने से अटकी पहचान, आयोग बोला- जल्द मिलेगा जाति प्रमाण पत्र का समाधान

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 09:05 PM (IST)

    झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष प्राणेश सालोमन ने कहा कि खतियान में जाति के स्थान पर केवल 'मुस्लिम' अंकित होने के कारण जाति प्रमाण पत्र निर्गत नही ...और पढ़ें

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    बुुधवार को घाटशिला पहुंचे झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष प्राणेश सालोमन।

    जागरण संवाददाता, घाटशिला। झारखंड के कई जिलों में मुस्लिम समाज के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही परेशानी को लेकर झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष प्राणेश सालोमन ने बुधवार को घाटशिला का दौरा किया। उन्होंने कहा कि खतियान में जाति के स्थान पर केवल 'मुस्लिम' अंकित होने के कारण अंचल कार्यालयों से जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पा रहा है। 
     
    यह समस्या सरकार के संज्ञान में है और इस दिशा में कार्य चल रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही सरकार इस पर कोई ठोस निर्णय लेगी। 
     
    घाटशिला के मउभंडार डायरेक्टर बंगला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वी सिंहभूम सहित राज्य के कई जिलों में मुस्लिम समाज इस मुद्दे को लगातार उठा रहा है। 
     

    पहले भी मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री से की गई शिकायत 

    जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण मुस्लिम समाज के लोग बीसी-1 और बीसी-2 श्रेणी के अंतर्गत मिलने वाले शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक लाभों से वंचित हो रहे हैं। यह मामला पहले भी मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री तक पहुंच चुका है। 
     
    अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि वे अल्पसंख्यक समाज की समस्याओं को जानने और उसके समाधान के उद्देश्य से घाटशिला पहुंचे हैं। समाज से जुड़ी समस्याओं को संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ साझा कर उनका समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।  


    शांति समिति के पुनर्गठन का निर्देश  

    प्राणेश सालोमन ने थानों की शांति समिति को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर वर्षों से एक ही व्यक्ति शांति समिति का सदस्य बना हुआ है, जो उचित नहीं है। 
     
    उन्होंने निर्देश दिया कि केंद्रीय और थाना स्तरीय शांति समिति में सभी अल्पसंख्यक वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जाए। ताकि वे अपनी समस्याएं प्रशासन और सरकार के समक्ष रख सकें। 

    उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रत्येक तीन वर्ष में शांति समिति का पुनर्गठन अनिवार्य होना चाहिए और कोई भी व्यक्ति दस वर्षों तक लगातार सदस्य नहीं रह सकता। इस संबंध में उन्होंने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजित कुजूर, बीडीओ यूनिका शर्मा, घाटशिला थाना प्रभारी वंश नारायण सिंह, एचसीएल प्रबंधन एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मउभंडार डायरेक्टर बंगला में बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए।

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