झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग का नया आदेश, कमर्शियल वाहन मालिकों की कटेगी जेब
झारखंड सरकार ने नगरपालिका मार्ग (पथ) कर नियमावली 2025 लागू की है जिसके तहत नगर निगम पंचायत व परिषद में प्रवेश करने वाले व्यवसायिक वाहनों पर टैक्स लगेगा। सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इसका विरोध किया है इसे जनता पर बोझ और महंगाई बढ़ाने वाला बताया है। चैंबर का कहना है कि इससे छोटे व्यवसायियों का आवागमन प्रभावित होगा और राज्य के व्यापार-उद्योग पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड के सभी नगर निगम, पंचायत व परिषद के प्रवेश पर अब प्रवेश करने पर किसी तरह के व्यवसायिक वाहनों को टैक्स देना होगा।
झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग ने झारखंड नगरपालिका मार्ग (पथ) कर नियमावली 2025 को प्रभावी कर दिया है। सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका व महासचिव मानव केडिया ने झारखंड सरकार को पत्र भेजकर इसका विरोध किया है।
झारखंड नगरपालिका मार्ग कर नियमावली, 2025 का प्रारूप तैयार कर एक माह में जन साधारण व संस्थाओं से इस पर आपत्ति व सुझाव मांगा गया है। सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने इस पर आपत्ति जताते हुए विरोध दर्ज कराया है।
चैंबर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका व महासचिव मानव केडिया का कहना है कि यह जनता पर बोझ डालने वाला नया टैक्स है जो महंगाई का कारण बनेगा। चैंबर पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार की नई अधिसूचना छोटे व्यवसायियों के राज्य के अलग-अलग शहरों में आवागमन संरचना को बुरी तरह से प्रभावित करेगा।
इस तरह की टोल टैक्स व्यवस्था किसी भी अन्य राज्य में प्रभावी नहीं है। झारखंड में पहल से ही वाहन खरीदते समय छह प्रतिशत व वाणिज्यिक वाहनों से 15 प्रतिशत तक वार्षिक रोड टैक्स वसूला जाता है।
सरकार की नई अधिसूचना राज्य के व्यवसाय व उद्योगों के ऊपर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और व्यापार-उद्योग प्रभावित होगा। अध्यक्ष का कहना है कि राज्य के प्रत्येक नगर परिषद, नगर पंचायत व नगर निगम के प्रवेश द्वार पर गेट लगाकर टोल वसूलना तर्कसंगत नहीं है। इसलिए सरकार इस पर पुर्नविचार करें।
क्या है मार्ग (पथ) कर नियमावली
नगर विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत नए प्रविधान को झारखंड नगरपालिका मार्ग (पथ) कर नियमावली 2025 के नाम से जाना जाएगा। इसका विस्तार उन क्षेत्रों में होगा जहां झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 लागू है।
इस नए नियमावली के तहत नगर पंचायत, नगर परिषद व नगर निगम की सीमा के भीतर सभी तरह के वाणिज्यिक वाहन (माल, यात्री परिवहन, व्यवसाय या वाणिज्यिक उद्देश्य) के प्रवेश पर लगाया जाने वाला वैधानिक शुल्क है, जिसे नगरपालिका द्वारा एकत्र व जमा किया जाएगा।
हालांकि, इसमें दो पहिया, तीन पहिया, रिक्शा व ई-रिक्शा पर यह टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि, टैक्स की राशि कितनी होगी, इसकी घोषणा नहीं की गई है।
इस टैक्स को फास्ट टैग या स्मार्ट कार्ड के माध्यम से नगरपालिका द्वारा चयनित संवेदक द्वारा वसूला जाएगा। फास्ट टैग से भुगतान पर 20 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी प्रदान की जाएगी। इस टैक्स की बाध्यता 24 घंटे के लिए मान्य होगी।
इन्हें मिलेगी छूट
सरकारी अधिकारियों के वाहन, सरकारी आधिकारिक प्रयोजनों के लिए प्रयुक्त वाणिज्यिक वाहन, एंबुलेंस व शव वाहक, अग्नि शमन, स्कूली वाहन, रक्षा विभाग से जुड़े वाहन, वाणिज्यिक व अंतरराजीय वाहन।
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