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    'झारखंड शर्मिंदा है...', मुख्यमंत्री के क्षेत्र में नाबालिग से गैंगरेप पर रघुवर दास ने बोला तीखा हमला

    By Ch Rao Edited By: Rajat Mourya
    Updated: Mon, 09 Jun 2025 06:19 PM (IST)

    झारखंड के गोड्डा जिले में एक नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने राज्य को फिर शर्मसार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस ...और पढ़ें

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    मुख्यमंत्री के क्षेत्र में नाबालिग से गैंगरेप पर रघुवर दास ने बोला तीखा हमला

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड एक बार फिर शर्मसार हुई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा बरहेट के सुंदरपहाड़ी क्षेत्र (गोड्डा जिला) में नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। इस मामले पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं।

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    पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यह झारखंड की जनता का दुर्भाग्य है कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री के शासन में ही आदिवासी बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। यह कोई पहली घटना नहीं है, पूरे राज्य में महिला अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और सरकार केवल मूकदर्शक बनी हुई है।

    पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार पर आरोप लगाया कि इस जघन्य घटना को आखिर किसके इशारे पर दबाने की कोशिश हुई। रघुवर दास ने यह भी कहा कि जब मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, तो बाकी जिलों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।

    दास ने झारखंड के अलग-अलग जिलों की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बोकारो के ललपनिया में आदिवासी महिला से दुष्कर्म की कोशिश, विरोध करने के बाद गांववालों ने बचाया, साहिबगंज में रुबिका पहाड़िया की निर्मम हत्या हुई। कहा कि सिमडेगा, गुमला, गोड्डा, खूंटी समेत राजधानी रांची हर जगह महिलाओं और बच्चियों के साथ आए दिन दुष्कर्म और हत्या की घटनाएं अब आम हो गई हैं।

    पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार से मांग की है कि ऐसे मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो और दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए। साथ ही, पीड़िता को सीआरपीसी की धारा 357A और झारखंड पीड़ित सहायता योजना 2012 के तहत अविलंब 4 लाख के आर्थिक मुआवजा दिए जाएं।

    दास ने कहा कि नारी शक्ति समाज, राज्य और राष्ट्र की ताकत है। यदि वे ही सुरक्षित नहीं हैं, तो पूरी व्यवस्था की विफलता है। मुख्यमंत्री अब तो मुंह खोलें और बताएं कि वे किसके दबाव में चुप हैं।