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    झारखंड में दिव्यांगों के लिए ऐतिहासिक फैसला, प्रतिशत-आधारित श्रेणी होगी खत्म, बनेगा देश का पहला राज्य

    By Amit TiwaryEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 03:25 PM (IST)

    झारखंड सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य में प्रतिशत-आधारित आरक्षण प्रणाली खत्म होगी, जिससे दिव्यांगों को उनकी दिव्यांगता ...और पढ़ें

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    स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड ने दिव्यांगजनों के अधिकारों को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बुधवार को जमशेदपुर सदर अस्पताल में घोषणा की कि राज्य देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां दिव्यांगता प्रमाण पत्र से प्रतिशत आधारित श्रेणी पूरी तरह खत्म कर दी जाएगी।

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    अब 10%, 20% या 50% जैसा कोई विभाजन नहीं रहेगा। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी दिव्यांग एक ही श्रेणी में माने जाएंगे और सभी को समान अधिकार दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाकर जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी।

    समान अधिकार, समान पहचान

    स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था से दिव्यांगों के बीच भेदभाव खत्म होगा और उन्हें उनके वास्तविक अधिकार आसानी से मिल सकेंगे।

    राज्य सरकार का उद्देश्य है कि सभी दिव्यांगजन सम्मान के साथ जीवन जीएं और सरकारी योजनाओं का बराबरी से लाभ उठा सकें।

    सदर अस्पतालों में सीटी-एमआरआई सुविधा जल्द

    स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी सदर अस्पतालों में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनें लगाई जाएंगी।

    खरीद प्रक्रिया जल्द शुरू होगी

    एमजीएम अस्पताल को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा, जिससे मरीजों को महंगे निजी संस्थानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

    डॉक्टरों को डरने की जरूरत नहीं, मैं खुद डॉक्टर हूं

    डॉ. इरफान अंसारी ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कहा कि झारखंड में सभी डॉक्टर पूरी तरह सुरक्षित हैं। मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट कैबिनेट स्तर पर लंबित है, लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनके रहते कोई भी डॉक्टर असुरक्षित महसूस नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि मैं खुद डॉक्टर हूं, राज्य का हर डॉक्टर सुरक्षित है।

    सरकारी अस्पतालों पर भरोसा बढ़ा

    मंत्री ने बताया कि सरकारी अस्पतालों की सेवाओं को लेकर लोगों का विश्वास काफी बढ़ा है। डॉक्टर तय समय पर ओपीडी में बैठ रहे हैं और यही वजह है कि पिछले एक वर्ष में जमशेदपुर सदर अस्पताल में एक लाख से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार के प्रयासों का सकारात्मक परिणाम है।

    एमजीएम में जल्द सुलझेगी पानी की समस्या

    एमजीएम अस्पताल में पानी की कमी पर मंत्री ने कहा कि अस्पताल में 9 डीप बोरिंग होने के बाद भी समस्या बनी हुई है। इसको दूर करने के लिए टाटा स्टील से बात चल रही है ताकि नियमित पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा।