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    झारखंड स्थापना दिवस की भयानक सुबह: HATIYA DAM में डूबी कार ने तीन परिवारों का घर उजाड़ दिया, एक लापता, परिवारों में मातम

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 10:42 PM (IST)

    रांची में झारखंड स्थापना दिवस के दिन एक दुखद घटना घटी। पूर्वी सिंहभूम जिले के न्यायाधीशों के अंगरक्षक और चालक धुर्वा डैम में डूब गए। गोताखोरों ने तीन शव बरामद किए हैं, जबकि एक व्यक्ति अभी भी लापता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और मृतकों के परिवारों में मातम छाया हुआ है।

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    शनिवार को दाह संस्‍कार के लिए जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश के अंगरक्षक का शव ले जाते पर‍िजन।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। रांची में हुई भयानक घटना ने जमशेदपुर को झकझोर कर रख दिया। 15 नवंबर, झारखंड स्थापना दिवस की सुबह, जब पूरे राज्य में उत्सव और न्यायालय में अवकाश था, उसी समय एक दुखद हादसे ने तीन परिवारों का जीवन तहस-नहस कर दिया। 
     
    पूर्वी सिंहभूम जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश और फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश के अंगरक्षक और चालक एक कार में रांची के धुर्वा डैम में डूब गए।

    घटना की जानकारी जैसे ही मिली, पूरे पुलिस महकमे, न्यायालय कर्मियों और अधिवक्ताओं के बीच चर्चा का विषय बन गई। बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और अधिवक्ता लगातार एक-दूसरे से घटना की जानकारी जुटाते रहे। 

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    हादसे की स्थिति की नहीं मिली जानकारी 

    जानकारी के अनुसार, न्यायाधीशों को झारखंड न्यायिक अकादमी में छोड़ने के बाद अंगरक्षक और चालकों को कार लेकर अकादमी से निकलना था। इसके बाद कैसे कार अनियंत्रित होकर धुर्वा डैम में गिर गई, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिली है। 
     
    घटना स्थल पर कोई प्रत्यक्षदर्शी मौजूद नहीं था। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी माध्यमों से स्थिति का पता लगाने का प्रयास कर रही है। 
     
    डैम में गोताखोरों की मदद से कार को बरामद किया गया। तीन शवों की पहचान कर ली गई है। जबकि एक का अब तक पता नहीं चला है।  

    सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस 

    गोताखोर ने डैम से तीन शव बरामद किए। चौथे व्यक्ति की तलाश जारी है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और कार की तकनीकी जांच के माध्यम से दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में लगी है। पोस्टमार्टम के बाद शवों को स्वजनों के सुपुर्द किया गया। 

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    रांची से शव पहुंचने के बाद साकची में घरों के बाहर लोगों की लगी भीड।

    आवास पर शव पहुंचते ही मची चित्‍कार

    साकची स्थित अनिल कुमार सिंह के आवास पर शव पहुंचते ही भाई, पत्नी और बच्चों की चित्कार ने माहौल को गमगीन बना दिया। छाती पीट-पीटकर रोते हुए परिवार के सदस्यों का हाल बेहाल हो गया।

    रांबिस कुमार के स्वजन उन्हें लेकर गया के अपने गांव रवाना हो गए। अंगरक्षक उपेंद्र कुमार सिंह के परिवार में उनकी पत्नी और दो पुत्र हैं, जो पोस्टमार्टम के बाद उन्हें अंतिम संस्कार के लिए लेकर मांझी लौट गए।

    सिविल कोर्ट के चालक सतेंद्र कुमार का परिवार शुक्रवार रात उनके लापता होने के बाद से व्याकुल था। शनिवार सुबह तक एनडीआरएफ की टीम उनकी तलाश करती रही। 

     

    हथियार और सुरक्षा की जांच

    मृतक अंगरक्षकों में से एक का सरकारी पिस्टल और कारतूस कार में बरामद हुए, जबकि दूसरे का पिस्टल और कारतूस अब तक नहीं मिला। पुलिस और विभागीय अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित हैं और रांची भेजी गई टीम घटना स्थल पर हथियार और कारतूस का पता लगाने में जुटी है।

    इस हादसे ने पूरे न्यायिक और पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया। झारखंड स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में भाग लेने आए न्यायाधीश और उनके सहयोगियों के अंगरक्षक और चालकों की मौत ने प्रशासन को सकते में डाल दिया। 

    बरामद शवों की पहचान इस प्रकार हुई 

    रांबिस कुमार - प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के अंगरक्षक, जमशेदपुर जिला बल; मूल निवासी: गया, बिहार।

    अनिल कुमार सिंह – सिविल कोर्ट के प्रधान जिला जज के चालक; मूल निवासी: आजमगढ़, उत्तर प्रदेश।

    उपेंद्र कुमार सिंह – फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश के अंगरक्षक; मूल निवासी: छपरा, बिहार।

    सतेंद्र कुमार (लापता)  – फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश के चालक; जुगसलाई रथ गली, रांची निवासी। 

    घटना की जानकारी रांची पुलिस से मिली है। मृतक अंगरक्षकों के सरकारी हथियार की बरामदगी के बाद शहर की एक पुलिस टीम रांची भेजी गई है। हथियार और कारतूस सही सलामत है या नहीं। जितनी संख्या में कारतूस दिए गए थे। वो पूरी की पूरी है या नहीं। इसकी जानकारी पुलिस टीम रांची पुलिस से लेगी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

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    कुमार शिवाशीष, सिटी एसपी जमशेदपुर