Bihar Assembly Elections: नीतीश के सारथी बने सरयू, पुरानी दोस्ती अब सियासत में दिखाएगी दम
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरयू राय को अपना सारथी बनाया है। दोनों नेताओं की पुरानी दोस्ती अब राजनीतिक मंच पर दिखेगी। सरयू राय, जो पहले झारखंड की राजनीति में थे, अब बिहार के विकास में योगदान देंगे। इस गठबंधन से बिहार के सियासी समीकरण बदलने की संभावना है, और राज्य में विकास और सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा।

JDU के स्टार प्रचारक बने विधायक सरयू राय। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। बिहार विधानसभा चुनाव के रण में इस बार जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय भी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के लिए वोट मांगते नजर आएंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी पुरानी और गहरी दोस्ती अब चुनावी सियासत में भी रंग लाएगी। जदयू ने बिहार चुनाव के लिए अपने 40 स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की है, उसमें सरयू राय का नाम भी प्रमुखता से शामिल है।
इस सूची में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ कई अन्य दिग्गज नेताओं को भी जगह दी गई है, लेकिन झारखंड के एक विधायक का बिहार की राजनीति में स्टार प्रचारक बनना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के सर्वोसर्वा नीतीश कुमार के साथ सरयू राय के संबंध काफी पुराने और गहरे माने जाते हैं। दोनों नेताओं की राजनीतिक जड़ें जेपी आंदोलन से जुड़ी हुई हैं।
यही वजह है कि जब जदयू ने अपने स्टार प्रचारकों की फौज उतारने का फैसला किया तो नीतीश कुमार अपने पुराने मित्र को नहीं भूले। सरयू राय को इस सूची में शामिल कर जदयू ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को लेकर गंभीर है और सरयू राय की बेदाग और संघर्षशील छवि का फायदा उसे चुनाव में मिलेगा।
जदयू की ओर से जारी सूची में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले पायदान पर हैं। उनके अलावा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, केंद्र सरकार में मंत्री रामनाथ ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और विजय कुमार चौधरी जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं। पार्टी ने महिला चेहरों के तौर पर लवली आनंद, कविता सिंह और कहकशां परवीन को भी स्टार प्रचारकों में जगह दी है।
सरयू राय की पहचान एक ऐसे नेता की रही है, जिन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की है। संयुक्त बिहार में उन्होंने कई घोटालों का पर्दाफाश किया था।
झारखंड में भी उनकी यही छवि बरकरार है। 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। अब बिहार के चुनावी मैदान में उनकी मौजूदगी निश्चित तौर पर जदयू के प्रचार अभियान को एक नई धार देगी।
माना जा रहा है कि सरयू राय मुख्य रूप से सीमावर्ती और उन इलाकों में प्रचार करेंगे जहां उनकी अच्छी पकड़ है। उनका सरल अंदाज और तथ्यों के साथ अपनी बात रखने की शैली मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है।
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