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    JAMSHEDPUR का आदिवासी महोत्सव: ताल, नृत्य और प्राकृतिक चिकित्सा का अनूठा संगम

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 11:07 PM (IST)

    जमशेदपुर में आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें ताल, नृत्य और प्राकृतिक चिकित्सा का अनूठा संगम देखने को मिला। महोत्सव में आदिवासी संस्कृति की झलक, प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व, और आदिवासी कला और शिल्प की प्रदर्शनी शामिल थी। यह महोत्सव एकता और सद्भाव का संदेश देता है।

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    शनिवार को गोपाल मैदान बिष्‍टुपुर में जनजातीय संवाद में प्रस्तुति देते आदिवासी कलाकार।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड के जमशेदपुर स्थित गोपाल मैदान शनिवार शाम भव्य महोत्सव का केंद्र बन गया, जब टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा आयोजित 12वें जनजातीय सम्मेलन संवाद का शानदार आगाज हुआ। रंग-बिरंगी लाइटों और 301 नगाड़ों-वाद्य यंत्रों की गूंज के बीच आदिवासी समाज के विभिन्न समुदायों के कलाकारों ने पांच दिवसीय महोत्सव की शुरूआत की। 

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    इस दौरान मुंडा, संथाल, मानकी मुंडा और अन्य आदिवासी कलाकारों ने नगाड़ा, मांदर, रबका, चुड़चुड़ी, भेड सहित पारंपरिक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति दी। कलाकारों ने मुंडा जनजाति के बोंगा ताल से पूर्वजों का आशीर्वाद लिया, पराक्रम ताल से युवाओं में उत्साह भरा। 
     
    संथाल समुदाय का होरो ताल, शिकार से वापसी पर थकान मिटाने वाला लांगड़े ताल और गौंड आदिवासी समुदाय का हरकान ताल दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर मुंडा जनजाति के पाहन निरायन हेरेंज, कुडूक लिपि के अविष्कारक डा. नारायण उरांव, पीर मानकी मुंडा गणेश पाट पिंगुआ, पद्मश्री चामी मुर्मू, तोरेप परगना, जुगसलाई के परगना दशमत हांसदा, संथाल जनजाति और देश परगना थाड दिशुम सहित अन्य प्रतिनिधियों ने पारंपरिक जावा का अनावरण किया। 
     
    इससे पूर्व बाइजु मुर्मू और टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सभी अतिथियों ने भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।


    26 राज्यों से आए 2500 कलाकार 

    जनजातीय सम्मेलन संवाद में देशभर के 26 राज्यों से 153 जनजातीय समुदायों के 2500 कलाकार जमशेदपुर पहुंचे हैं। ये कलाकार नृत्य-संगीत प्रस्तुतियों के साथ-साथ अपने हस्तशिल्पों की प्रदर्शनी भी लगाएंगे। दर्शक इन कलाकारों की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद पांच दिनों तक ले सकेंगे।

    19 राज्यों से आए वैद्य 

    गोपाल मैदान में 25 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं। इन स्टालों पर झारखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र सहित 19 राज्यों के वैद्य अपने पारंपरिक उपचार और जड़ी-बूटियों के साथ उपस्थित हैं। ये वैद्य सर्टिका, घुटने के दर्द, कैंसर, किडनी, हृदय रोग और स्त्री रोग जैसी बीमारियों का इलाज करने का दावा कर रहे हैं।

    शहरवासी और अधिकारी भी थिरके 

    आयोजन के दौरान लयबद्ध ताल पर टाटा स्टील के सीईओ टीवी नरेंद्रन, उनकी पत्नी रूचि नरेंद्रन और वाइस प्रेसिडेंट डीबी सुंदरा रामम सहित कई अधिकारियों ने कदमताल किया। इसके साथ ही शहरवासियों ने समूह बनाकर नृत्य किया, जिससे गोपाल मैदान उत्साह और आनंद से गूंज उठा। 

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    शनिवार को गोपाल मैदान में जनजातीय संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन करते टाटा स्‍टील का ग्‍लोबल सीईओ टीवी नरेंद्रन।