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    जमशेदपुर में पर्यटन विकास को रफ्तार:अंतरराष्‍ट्रीय पर्यटन के रूप में शुुमार हाेगा Jubilee Park और Dalma अभयारण्य

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 09:38 PM (IST)

    झारखंड सरकार पूर्वी सिंहभूम जिले में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय है। जिले के 28 स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में अधिसूचित किया गया है, ज ...और पढ़ें

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    मुसाबनी का यह जलाशय सैला‍नियों के लिए विकसित किया जाएगा।

    संसू, जागरण, मुसाबनी। झारखंड सरकार के पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवाकार्य विभाग ने पूर्वी सिंहभूम जिले में पर्यटन विकास को नई दिशा देने की पहल की है। इसके तहत जिले के 28 स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में अधिसूचित किया गया है। 
     
    विभाग ने इन अधिसूचित पर्यटन स्थलों को श्रेणीवार ए, बी, सी और डी वर्ग में विभाजित करते हुए संबंधित अंचल अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। ताकि भविष्य में इन स्थलों के संरक्षण और विकास की योजनाएं तैयार की जा सकें। 
     
    पूर्वी सिंहभूम जिले में अधिसूचित स्थलों में ए श्रेणी के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व के दो पर्यटन स्थल शामिल किए गए हैं, जबकि बी श्रेणी में एक राष्ट्रीय महत्व का पर्यटन स्थल, सी श्रेणी में 17 राज्य स्तरीय महत्व के पर्यटन स्थल और डी श्रेणी में आठ स्थानीय महत्व के पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया गया है। 
     
    विभाग ने सभी अंचल कार्यालयों से इन स्थलों से संबंधित श्रेणीवार फाइल तैयार कर विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। घाटशिला अनुमंडल के आठ प्रमुख स्थलों को डी श्रेणी के अंतर्गत स्थानीय महत्व के पर्यटन स्थल के रूप में शामिल किया गया है। 
     
    इनमें मुसाबनी स्थित ऐतिहासिक कंपनी बड़ा तालाब भी शामिल है। इस तालाब को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग स्थानीय लोग लंबे समय से कर रहे थे। 
     
    दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन ने भी अपने कार्यकाल में कंपनी बड़ा तालाब को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में पहल शुरू की थी। घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के दौरान पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने जनसंपर्क के क्रम में कंपनी बड़ा तालाब की प्राकृतिक सुंदरता को नजदीक से देखा था। 
     
    उन्होंने इस स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की बात अपनी डायरी में दर्ज की थी। अब विभागीय पहल के साथ इस दिशा में औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 
     
    विभाग द्वारा सूचीबद्ध किए गए डी श्रेणी के स्थलों में नरसिंहगढ़ (घालभूमगढ़), विभूति बाबू हाउस (घाटशिला), पांचपांडव शिला (घाटशिला), धारागिरी जलप्रपात (बासाडेरा, घाटशिला), छोटाबांकी डैम (जमशेदपुर), सात नाला पहाड़ (चाकुलिया), किया झरना (चाकुलिया) और कंपनी बड़ा तालाब (मुसाबनी) शामिल हैं। इन स्थलों के संरक्षण, सौंदर्यीकरण और पर्यटक सुविधाओं के विकास को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। 
     
    ए श्रेणी में अंतरराष्ट्रीय महत्व के पर्यटन स्थलों के रूप में जुबली पार्क और दलमा वन्यजीव अभ्यारण्य (जमशेदपुर) को शामिल किया गया है। बी श्रेणी के राष्ट्रीय महत्व के पर्यटन स्थल के रूप में बुरूडीह झील (घाटशिला) को सूचीबद्ध किया गया है। 
     
    सी श्रेणी के राज्य स्तरीय महत्व के पर्यटन स्थलों में रंकिणी मंदिर (जादूगोड़ा-पोटका), डिमना झील (जमशेदपुर), चित्रेश्वरधाम (बहरागोड़ा), गालूडीह बराज (घाटशिला), लखाईडीह (डुमरिया), पहाड़भांगा (लावाडीह, पोटका), ज्योति पहाड़ी (बहरागोड़ा), तुलसीबनी शिवराम आश्रम (चाकुलिया), मुक्तेश्वर धाम हरिणा (पोटका), हाथीखेदा मंदिर (बोड़ाम), काशीडांगा प्राचीन शिव मंदिर (घाटशिला), कान्हाई स्वर पहाड़ (चाकुलिया), गोटाशिला पहाड़ (चाकुलिया), किटापाठ (गीतापाठ) पूजा स्थल (पटमदा), कालेश्वर धाम (कोकदा, गोधा, बहरागोड़ा) और तेतुलडुंगरी (चाकुलिया) शामिल हैं। 
     
    विभाग ने स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट के आधार पर इन पर्यटन स्थलों पर सड़क, पेयजल, शौचालय, सुरक्षा, सौंदर्यीकरण और प्रचार-प्रसार जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास की योजना बनाई जाएगी। जिससे जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलें।
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