महिलाओं के लिए झारखंड में बनेगी देश की पहली मस्जिद, इबादत के साथ कुरान और हदीस की भी मिलेगी शिक्षा
जमशेदपुर के समाजसेवी डा. नुरुज्ज्मां खान डेढ़ एकड़ के क्षेत्र में डेढ़ करोड़ की लागत से मस्जिद बना रहे हैं। उनका कहना है कि जब लड़कियां हर क्षेत्र में ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में ढाई दशक से काम कर रहे जमशेदपुर के समाजसेवी डा. नुरुज्ज्मां खान अब मुस्लिम बेटियों के लिए मस्जिद बनाना चाहते हैं। जमशेदपुर से सटे कपाली ताजनगर में पिछले दो वर्षों से इसका निर्माण कार्य चल रहा है। मस्जिद का ढांचा कुछ हद तक खड़ा हो गया है।
डेढ़ करोड़ की लागत से बन रही मस्जिद
डा.नुरुज्ज्मां के अनुसार, मस्जिद का निर्माण डेढ़ एकड़ क्षेत्र में हो रहा है और इसमें लगभग डेढ़ करोड़ की लागत आने का अनुमान है, जिसका इंतजाम धीरे-धीरे चंदे से और कुछ लोगों के सहयोग से हो रहा है। पैसों की कमी आड़े आ रही है। इस कारण निर्माण कार्य धीमा है।
उधर, लड़कियों के लिए मस्जिद बनाए जाने का कुछ कट्टरपंथी विरोध भी कर रहे हैं। महिला मस्जिद का विरोध करने वाले लोग कहते हैं कि महिला मस्जिद शरीयत के खिलाफ है। इसके जवाब में डा.नुरुज्ज्मां कहते हैं कि जब हर क्षेत्र में लड़कियों को आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है, तो उनके लिए मस्जिद बनाना कौन सा गुनाह है।

मस्जिद में लड़कियां कर सकेंगी पढ़ाई
डा. नुरुज्जमा कहते हैं कि मस्जिद में वह इबादत करने के साथ ही कुरान और हदीस की शिक्षा भी ग्रहण कर सकेंगी। मस्जिद में लड़कियों की पढ़ाई और उनके सर्वांगीण विकास के सभी आयाम उपलब्ध होंगे। महीने में एक बार इज्तमा भी होगा, जिसमें लड़कियां अपने माता-पिता, पति, सास-ससुर की और परिवार के अन्य सदस्यों की देखभाल और पारिवारिक रिश्ते अच्छे रखने की बातें सीखेंगी। अपने स्वास्थ्य की जानकारी भी हासिल करेंगी।
— Arijita Sen (@ArijitaSen2) July 18, 2023
दिसंबर तक हो जाएगा उद्घाटन
जमशेदपुर से सटे सरायकेला-खरसावां जिले के कपाली निवासी समाजसेवी डा. नुरुज्ज्मां खान लगभग 25 वर्षों से लड़कियों के लिए स्कूल चला रहे हैं। उसी स्थान पर वह मस्जिद का निर्माण भी कर रहे हैं। यहां की छात्राएं झारखंड बोर्ड में अच्छा परिणाम ला रही हैं।
वह कहते हैं कि मेरी ख्वाहिश है कि लड़कियों का सर्वांगीण विकास हो। इसी ख्याल से मैंने मस्जिद बनाने की तैयारी की है। उन्होंने कहा कि छात्राएं यहां पढ़कर झारखंड बोर्ड की परीक्षा में अच्छे परिणाम हासिल कर रही हैं। साथ ही कहा कि अब मेरी उम्र 80 वर्ष हो गई है। मैं चाहता हूं कि मेरे जीते-जी यह काम पूरा हो जाए। मेरी इच्छा है कि दिसंबर तक मैं इसका उदघाटन कर दूं।

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