राशन कार्ड से हटाए जाएंगे अपात्रों के नाम, अब तक 73 हजार से ज्यादा परिवारों पर हुई कार्रवाई
जमशेदपुर में राशन कार्डों की गड़बड़ियों को दूर करने के लिए प्रशासन ने एक बड़ा अभियान चलाया है। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के नेतृत्व में संदिग्ध आधार और डुप्लीकेट नामों को हटाया जा रहा है। अब तक 73 हजार से ज़्यादा नाम काटे जा चुके हैं। इस अभियान का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी अनाज सही ज़रूरतमंदों तक पहुंचे।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिले में राशन कार्डों में बड़े पैमाने पर चल रही गड़बड़ियों को खत्म करने और सरकारी अनाज को सही लाभुकों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन ने एक व्यापक सफाई अभियान शुरू किया है।
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर चलाए जा रहे इस अभियान के तहत संदिग्ध आधार, डुप्लीकेट और महीनों से राशन का उठाव नहीं करने वाले हजारों लोगों के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं। अब तक जिले में 73 हजार से ज्यादा ऐसे नाम काटे जा चुके हैं।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी अपात्र व्यक्ति सरकारी योजना का लाभ न उठा पाए और हर वास्तविक जरूरतमंद परिवार को उसका हक मिले।
संदिग्ध आधार वालों पर गिरी गाज
जिला आपूर्ति पदाधिकारी जुल्फिकार अंसारी ने बताया कि जांच के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कुल 22 हजार 975 राशन कार्ड सदस्यों के आधार संदिग्ध पाए गए थे।
प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई करते हुए इनमें से 20 हजार 067 नामों को सूची से हटा दिया है, जबकि बाकी बचे दो हजार सात सौ 46 मामलों का सत्यापन किया जा रहा है। जल्द ही इन पर भी निर्णय ले लिया जाएगा।
महीनों से राशन नहीं लेने वाले भी हटे
अभियान की सबसे बड़ी कार्रवाई उन लोगों पर हुई है जो छह महीने या उससे अधिक समय से अपना राशन नहीं ले रहे थे। जिले में ऐसे मौन राशन कार्ड सदस्यों की संख्या एक लाख 64 हजार 237 पाई गई। इनमें से 50 हजार 323 लोगों के नाम तत्काल प्रभाव से हटा दिए गए हैं।
आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा ऐसे लोग जमशेदपुर शहरी क्षेत्र (68 हजार 565) और गोलमुरी-सह-जुगसलाई क्षेत्र (46 हजार 703) में पाए गए हैं। प्रशासन फिलहाल एक लाख 13 हजार से ज्यादा ऐसे मामलों की जांच कर रहा है।
उम्र और डुप्लीकेसी की भी जांच
इसके अलावा, 18 वर्ष से कम और 100 वर्ष से अधिक आयु के एकल सदस्य वाले दो हजार 274 कार्डधारकों के नाम भी हटाए गए हैं। वहीं, एक ही व्यक्ति का नाम कई कार्डों में होने (डुप्लिकेट लाभुक) के 25 हजार 321 मामले सामने आए, जिनमें से 426 को हटा दिया गया है और 20 हजार से ज्यादा मामलों की जांच जारी है।
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के अनुसार, इस जांच का एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खाद्यान्न सही और वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि फर्जी और अवैध लाभुकों को सूची से हटाकर पात्र परिवारों को योजनाओं का लाभ देना प्रशासन की प्राथमिकता है। सभी संबंधित अधिकारियों को लंबित मामलों का सत्यापन जल्द से जल्द पूरा करने का सख्त निर्देश दिया गया है।
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