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    जमशेदपुर के रेलवे अस्पताल में नहीं है कोरोना संक्रमितों की जांच करने की सुविधा Jamshedpur News

    By Vikas SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 02 Aug 2020 04:00 PM (IST)

    टाटानगर रेलवे अस्पताल सबसे बड़ा अस्पताल हैटाटानगर में काम करने वाले छह हजार रेलकर्मियों के लिए। लेकिन यहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं।

    जमशेदपुर के रेलवे अस्पताल में नहीं है कोरोना संक्रमितों की जांच करने की सुविधा Jamshedpur News

    जमशेदपुर (जासं) । कहने को तो टाटानगर रेलवे अस्पताल टाटानगर का सबसे बड़ा अस्पताल है। लेकिन सुविधा के नाम पर यहां कुछ नहीं। टाटानगर रेलवे अस्पताल सबसे बड़ा अस्पताल है,टाटानगर में काम करने वाले छह हजार रेलकर्मियों के लिए। लेकिन यहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं। कोरोना संक्रमण काल में जहां सभी अस्पतालों में कोरोना जांच की सुविधा मरीजों की मिल रही है। वहीं रेलवे अस्पताल में कोरोना जांच की सुविधा रेलकर्मियों को नहीं मिल रही है। जबकि गार्ड, ट्रैकमेन, चालक सह चालक पर कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है।

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    रेलवे अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की कोरोना जांच तक नहीं की जा रही है। कैरेज कालोनी के गार्ड की मौत होने के बाद जब सर्विलांस की टीम ने कोरोना की  जांच की तो सबसे होश उड़ गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए रेलवे मेंस कांग्रेस व रेलवे मेंस यूनियन के मंडल संयोजकों ने चक्रधरपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक से रेलवे अस्पताल में कोरोना जांच की व्यवस्था कराने की मांग की है। ताकि भविष्य में अगर कोई कोरोना संदिग्ध अस्पताल में पहुंचे तो उसकी पहले कोरोना जांच है उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया डाक्टरों द्वारा किया जाए, ताकि इससे दूसरों के संक्रमित होने का खतरा कम हो। 

    शव रखने की व्यवस्था नहीं

    टाटानगर के सबसे बड़़े अस्पताल रेलवे अस्पताल में शव गृह तक नहीं है। अगर किसी मरीज की इलाज के दौरान मौत हो जाती है तो उसके शव को रखने की जगह तक रेलवे अस्पताल में नहीं है। एक कमरे नुमा स्थान पर मृतक का शव को रख दिया जाता है लेकिन वहां न ही फ्रिज की व्यवस्था है और न ही बर्फ की। ऐसे में शव को अगर कुछ देर के लिए वहां छोड़ दिया जाए तो शव से बदबू आनी शुरु हो जाती है।

    प्रतिदिन पहुंचते हैं 250 मरीज ओपीडी में

    रेलवे अस्पताल में प्रतिदिन करीब 250 मरीज ओपीडी में अपना इलाज कराने के लिए पहुंचते है। ऐसे में कौन मरीज कोरोना संक्रमित है यह कहना मुश्किल है। इसी अस्पताल फर्मासिस्ट की पत्नी कोरोना संक्रमित हो गई थी लेकिन फर्मासिस्ट ने छुपाए रखा था। जब मामले का खुलासा हुआ तो दवा खाना को ही बंद कर दिया गया। फिलहाल रेलवे अस्पताल में सिर्फ इमर्जेंसी सेवा की जारी है। बाकी ओपीडी व इनडोर सेवा को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। रेलवे अस्पताल की ओपीडी व अन्य सेवाएं सोमवार से पहले की तरह शुरु होगी। रेलवे मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक शशि मिश्रा ने बताया कि रेलवे अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच की व्यवस्था नहीं है। इसे शुरु करने के लिए मंडल रेल प्रबंधक से मांग की है।

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