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    झारखंड में बोर्ड परीक्षा के लिए 'पैन' अनिवार्य, 2026 से होगा लागू; शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

    By Ch Rao Edited By: Rajat Mourya
    Updated: Thu, 21 Aug 2025 02:44 PM (IST)

    झारखंड बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर (पैन) अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम 2026 से 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में लागू होगा। इसके साथ ही स्कूलों का यू-डाइस प्लस कोड भी जरूरी होगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य छात्रों के डेटा को सही रखना और फर्जी नामांकन को रोकना है। प्राइमरी स्तर से ही पैन नंबर बनाया जा रहा है।

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    झारखंड में बोर्ड परीक्षा के लिए 'पैन' अनिवार्य, 2026 से होगा लागू; शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर (पैन) को अनिवार्य कर दिया गया है। इस संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।

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    जैक सचिव को भेजे गए पत्र में निर्देश दिया गया है कि वर्ष 2026 में 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा से ही इसे पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाये। ‘पैन’ के अलावा छात्रों को स्कूलों का यू-डाइस प्लस कोड को भी अनिवार्य कर दिया गया है।

    यह व्यवस्था छात्रों के डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने और फर्जी नामांकन पर रोक लगाने के लिए लागू की जा रही है। इससे छात्रों की सही जानकारी स्कूल स्तर पर उपलब्ध होगी।

    वहीं, अलग-अलग प्लेटफार्म पर एकीकृत छात्र डाटाबेस तैयार किया जा सकेगा। परीक्षा संबंधी डेटा अधिक विश्वसनीय होगा। फर्जी नामांकन के पंजीकरण को प्रतिबंधित किया जा सकेगा।

    प्राइमरी के स्तर से जेनरेट हो रहा ‘पैन’

    झारखंड में प्राइमरी स्कूल से अपार आइडी के साथ ‘पैन’ जेनरेट हो जा रहा है। पंजीकृत कक्षा एक से 12 तक के सभी छात्र-छात्राओं की परमानेंट एजुकेशन नंबर (पैन) बनाया जाने लगा है। यू-डायस पोर्टल पर छात्र-छात्राओं का विवरण अपलोड किया जाएगा, जिसमें छात्र का नाम, पिता, माता का नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, अभिभावक व विद्यार्थी का बैंक खाता, कक्षा, सेक्शन सहित अन्य जरूरी सूचनाएं शामिल रहेंगी।

    छात्र-छात्राओं का यू-डायस पोर्टल पर विवरण अपलोड होने के बाद परमानेंट एजुकेशनल नंबर (पैन) जारी हो जाएगा। इससे किसी भी विद्यार्थी का यू-डायस कोड व पेन नंबर से विवरण देखा जा सकेगा।

    विभागीय अधिकारियों के अनुसार छात्र-छात्राओं का पेन नंबर जारी होने से सत्यापन कराने में आसानी होगी और फर्जीवाडे़ पर रोक लगेगी। ऐसे छात्र-छात्रा जो एक से अधिक विद्यालयों में प्रवेश लेते थे, उन पर लगाम लगेगी।