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    Jamshedpur News: MGM में 7 नए विभाग खुलेंगे, विशेषज्ञों की नियुक्ति अब सात सदस्यीय टीम करेगी

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 10:35 AM (IST)

    Jharkhand Health News जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में सात नए विभाग खोले जाएंगे जिससे मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी इलाज मिलेगा। कार्डियोथोरेसिक सर्जरी यूरोलॉजी और अन्य विभागों में विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए समिति में बदलाव किया गया है। पहले ओपीडी और फिर इनडोर सेवा शुरू करने का लक्ष्य है। नवंबर 2025 तक कैथ लैब शुरू करने की योजना है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज परिसर में बने नये अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

    अभी तक यहां हार्ट, न्यूरो और कैंसर रोग का ओपीडी संचालित होता है लेकिन बहुत जल्द ही सात और नए विभाग की शुरुआत होगी।

    इसमें कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी, सर्जिकल आंकोलाजी, यूरोलाजी, नेफ्रोलाजी, मेडिकल गैस्ट्रोइंट्रोलाजी, सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलाजी शामिल है।

    इन विभागों को संचालित होने से मरीजों को काफी लाभ मिलेगा। अभी तक सरकारी अस्पतालों में इन अति विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं होने के कारण मरीजों को निजी अस्पताल या फिर बाहर जाना पड़ता है।इन विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए अनुश्रवण समिति में भी संशोधन किया गया है।

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    पहले पांच सदस्यीय टीम इन विशेषज्ञों की नियुक्ति करती थी, लेकिन अब विभाग की ओर से दो और नए अधिकारी डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन डॉ. एसके सिंह और संयुक्त सचिव ललित मोहन को शामिल किया गया है। पूर्व की कमेटी यथावत रहेगी।

    इसमें जिले के उपायुक्त, एमजीएम के प्रिंसिपल, अधीक्षक, संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष व एमजीएम के वरीय प्राध्यापक शामिल हैं। टीम महीने में दो दिन पहले सोमवार और अंतिम सोमवार को अति विशेषज्ञ चिकित्सकों की इंटरव्यू लेगी।

    दूसरे चरण में होगी इनडोर की शुरुआत

    अधिकारियों का कहना है कि अगले एक-डेढ़ साल के अंदर विभाग में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। पहले चरण में सभी विभागों का ओपीडी शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

    वहीं, दूसरे चरण में सभी विभागों की इनडोर सेवा शुरू होगी। इसकी तैयारी चल रही है। एमजीएम मेडिकल कालेज में कैथ लैब का निर्माण होना इसी चरण का हिस्सा है। नवंबर-2025 तक इसे शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

    ये विभाग होंगे संचालित

    • कार्डियोलाजी : सभी तरह के हृदय संबंधित मरीजों का इलाज हो सकेगा।
    • कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी : इसमें हृदय और उसके आस-पास की संरचनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिसमें फेफड़े, अन्नप्रणाली और प्रमुख रक्त वाहिकाएं शामिल हैं। उदाहरणों में अवरुद्ध धमनियों के लिए कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी), हृदय वाल्व की मरम्मत या प्रतिस्थापन, और ट्यूमर या अन्य फेफड़ों की बीमारियों के लिए फेफड़ों की सर्जरी शामिल हैं।
    • यूरोलाजी : यूरोलाजी, मूत्र प्रणाली (गुर्दे, मूत्राशय, मूत्रमार्ग) और पुरुष प्रजनन अंगों के विकारों का इलाज होगा।
    • न्यूरोलाजी : मिर्गी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, पार्किंसंस रोग, अल्जाइमर रोग सहित अन्य नसों से संबंधित बीमारियों का इलाज हो सकेगा।
    • न्यूरो सर्जरी : इसमें मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, और परिधीय तंत्रिकाओं के विकारों के निदान और उपचार हो सकेगा।
    • मेडिकल आंकोलाजी : इसमें कैंसर रोगियों के निदान, उपचार और प्रबंधन के लिए दवाएं मिल सकेगी।
    • सर्जिकल आंकोलाजी : इसमें सभी तरह के कैंसर रोगियों की सर्जरी हो सकेगी।
    • नेफ्रोलाजी : इसमें किडनी मरीजों का इलाज और डायलिसिस हो सकेगा।
    • मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलाजी : पाचन तंत्र और उससे जुड़े अंगों से संबंधित बीमारियों का इलाज हो सकेगा। जैसे ग्रासनली, पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत, मलाशय, लीवर, पित्ताशय, पित्त नलिकाएं, पित्त रस सहित अन्य।
    • सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलाजी : इसमें ग्रासनली, पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत, यकृत, अग्न्याशय और मलाशय जैसे अंगों से संबंधित बीमारियों की सर्जरी संभव होगी।

    फिलहाल ये विशेषज्ञ दे रहे सेवा

    डॉ. फतेबहादुर सिंह (न्यूरो सर्जरी) : मंगलवार, शुक्रवार

    डॉ. रोहित आनंद (न्यूरोलाजिस्ट) : मंगलवार, गुरुवार

    डॉ. मनीष कुमार (कार्डियोलाजिस्ट) : सोमवार, बुधवार, शुक्रवार

    डॉ. गुंजेश कुमार (मेडिकल आंकोलाजिस्ट) : गुरुवार

    नये अस्पताल में मरीजों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने को हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही मरीजों को सभी तरह का इलाज मिल सकेगा।- डॉ. आरके मंधान, अधीक्षक, एमजीएम।