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    Indian Railways: दक्षिण-पूर्व रेलवे में लोको पायलटों के 5163 पद रिक्त, दबाव में कर्मचारी

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 08:27 AM (IST)

    दक्षिण पूर्व रेलवे में लोको पायलटों के 5163 पद खाली हैं जिससे कर्मचारियों पर मानसिक और शारीरिक दबाव बढ़ रहा है। रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने रेल महाप्रबंधक को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया है। कर्मचारियों को लंबी ड्यूटी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है।

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    दक्षिण-पूर्व रेलवे में लोको पायलटों के 5,163 पद रिक्त, दबाव में कर्मचारी

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। दक्षिण पूर्व रेलवे में लोको पायलटों के 5163 पद रिक्त हैं जिसके कारण कर्मचारी मानसिक व शारीरिक रूप से दबाव में काम करने को मजबूर हैं। इस संबंध में आल इंडिया रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने एक पत्र पिछले दिनों रेल महाप्रबंधक को सौंपा है जिसमें इस बात का उल्लेख है।

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    रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और दक्षिण पूर्व रेलवे सहित चक्रधरपुर मंडल सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला जोन है। इसके बावजूद यहां रनिंग कर्मचारियों की स्थिति काफी चिंताजनक है जो दुर्घटनाओं को न्यौता दे रही है।

    रनिंग स्टाफ एसोसिएशन का कहना है कि पूरे जोन में रनिंग स्टाफ के सभी संवर्गों में काफी रिक्तियां हैं। इसके कारण लोको व सहायक लोको पायलटों की ड्यूटी की उचित निगरानी नहीं की जा रही है। सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हुए लंबे समय तक ड्यूटी करने के लिए उन्हें मजबूर किया जा रहा है।

    जो कर्मचारी लंबी ड्यूटी में काम करने से इंकार करते हैं उनके खिलाफ गैर कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। एसोसिएशन का कहना है जोन में ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ रही है लेकिन क्रू संख्या की समीक्षा नहीं की जा रही है जिसके कारण प्रत्येक क्रू लाबी में काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।

    एसोसिएशन का कहना है कि रेलवे बोर्ड के निदेशक (सेफ्टी) ने रिक्त पदों पर आपत्ति जताने के बावजूद रिक्त पदों पर बहाली के लिए निर्णय नहीं लिया जा रहा है। लंबे समय तक ड्यूटी न केवल अमानवीय है बल्कि परिचालन के दृष्टिकोण से असुरक्षित व रेलवे राजस्व की हानि भी है।

    नहीं मिल रही है छुट्टियां, 12 घंटे से ज्यादा कराया जाता है काम

    एसोसिएशन का कहना है कि लोको व सहायक लोको पायलटों को उनकी छुट्टियों से वंचित रखा जा रहा है। उनकी छुट्टियां पहले से स्वीकृत नहीं की जाती है। अपनी ड्यूटी प्रकृति के कारण रनिंग स्टाफ बीमार पड़ रहे हैं।

    इसके अलावा प्रत्येक क्रू प्वाइंट में पर्याप्त चिकित्सा का भी अभाव है। वे निजी चिकित्सकों पर निर्भर रहने को मजबूर हैं। बीमार होने के बावजूद उनकी छुट्टी स्वीकृत नहीं की जा रही है, उन्हें अनुपस्थित के रूप में चिंह्नित किया जाता है जो पूरी तरह से अमानवीय व गैर कानूनी है।

    एसोसिएशन का कहना है कि चालक दल का मुख्य उद्देश्य ट्रेन चलाना है। अत्याधिक ड्यूटी कराने वे ट्रेन चलाते समय सो सकते हैं जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से खतरनाक है। कई रनिंग कर्मचारियों को 12 घंटे से भी अधिक ड्यूटी करने पर मजबूर किया जाता है, जबकि सभी मंडलों में उनके ओवरटाइम की राशि दो साल से अधिक समय से लंबित है।

    रनिंग स्टाफ कर्मचारियों के 5000 से ज्यादा पद रिक्त हैं जिसके कारण उन पर काम का अत्याधिक बोझ बढ़ गया है। इससे वे मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं इसलिए महाप्रबंधक को पत्र भेजकर हमने सुधार की मांग की है। - कार्यकारी अध्यक्ष, ऑल इंडिया रनिंग स्टाफ एसोसिएशन

    किस मंडल में कितने पद हैं रिक्त?

    डिवीजन स्वीकृत वर्तमान में रिक्त पद
    चक्रधरपुर 6,898 4,350 2,548
    आद्रा 2,250 1,371 879
    खड़गपुर 3,691 2,379 1,315
    रांची 1,212 791 421
    कुल 14,501 8,888 5,163