Jharkhand Bijli: झारखंड सरकार का बड़ा फैसला, इन उपभोक्ताओं को मिलेगी 200 यूनिट फ्री बिजली
सरकार ने जमशेदपुर में टाटा स्टील यूआईएसएल जैसे निजी बिजली आपूर्तिकर्ताओं के उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का निर्णय लिया है। बस्तियों में पेयजल कनेक्शन शुल्क भी 7000 रुपये तक सीमित किया गया है। राज्य कर्मचारी बीमा योजना को कर्मचारियों के लिए ऐच्छिक बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। यह निर्णय विधानसभा में हुई बैठक में लिया गया जिससे जमशेदपुर के नागरिकों को लाभ होगा।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड सरकार ने टाटा स्टील यूआईएसएल जैसे निजी बिजली आपूर्तिकर्ता क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को भी हर महीने 200 यूनिट तक फ्री बिजली देने पर सहमति जता दी है। इसके साथ ही बस्तियों में पेयजल कनेक्शन के लिए अधिकतम सात हजार रुपये तक शुल्क निर्धारित करने और राज्य कर्मचारी बीमा योजना को ऐच्छिक बनाए जाने की दिशा में भी सरकार ने ठोस निर्णय लिया है।
यह जानकारी प्रत्यायुक्त विधान समिति के सभापति सरयू राय को नगर विकास, ऊर्जा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने विधानसभा में आयोजित बैठक में दी।
सरकार के इस फैसले से जमशेदपुर के अलावा बोकारो और धनबाद जैसे क्षेत्रों के उन उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा, जो अब तक निजी कंपनियों से बिजली आपूर्ति प्राप्त कर रहे थे और सरकार की निश्शुल्क बिजली योजना से वंचित थे।
ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के अलावा अब टाटा स्टील यूआईएसएल, बोकारो के सेल और धनबाद के बीसीसीएल के उपभोक्ताओं को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। इस आशय की अनुशंसा विभागीय समिति द्वारा तैयार कर राज्य मंत्रिपरिषद को भेजी जाएगी, जिससे निर्णय की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
बजट सत्र के दौरान जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने विधानसभा में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था कि जमशेदपुर के बस्तियों को पेयजल कनेक्शन लेने के लिए मनमाना शुल्क देना पड़ता है, वहीं टाटा स्टील यूआईएसएल के उपभोक्ताओं को राज्य सरकार की मुफ्त बिजली योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।
सरकार ने इस पर एक अध्ययन समिति गठित कर मामले की समीक्षा की। समिति की रिपोर्ट के आधार पर नगर विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि पेयजल कनेक्शन के लिए अब अधिकतम सात हजार रुपये से अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस संबंध में शीघ्र अधिसूचना जारी की जाएगी, जिससे बस्तियों के लोगों को राहत मिलेगी।
उधर राज्य कर्मचारी बीमा योजना को लेकर भी सरकार ने बड़ा संकेत दिया है। वर्तमान में लागू राज्य बीमा योजना को लेकर बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने असंतोष जताया था और इसे पहले की तुलना में अधिक जटिल और महंगी बताया था।
कर्मचारियों के सुझावों के आधार पर अब सरकार ने बीमा योजना के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन कर दिया है, जिसकी अध्यक्षता एक वरीय आईएएस अधिकारी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि वर्ग ‘क’ के सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दी गई इस योजना को अब ऐच्छिक बनाया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर विचार के लिए भेजा जाएगा।
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