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    Jamshedpur News: नेवी का सोनार सिस्टम भी क्यों नहीं खोज पा रहा लापता विमान? अब असली वजह आई सामने

    Updated: Sun, 25 Aug 2024 12:39 PM (IST)

    Jharkhand Missing Training Aircraft मंगलवार सुबह को जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट पर से उड़ा एक ट्रेनी विमान अचानक से लापता हो गया। इस विमान को खोजने के लिए 5 दिनों से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है लेकिन अब तक विमान का पता नहीं चल सका है। यह विमान युवाओं को पायलट को ट्रेनिंग देने वाली कंपनी अलकेमिस्ट का है।

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    सोनारी एयरपोर्ट से उड़ा विमान लापता (जागरण फोटो)

    जागरण टीम,( जमशेदपुर/ चांडिल)। Jamshedpur News: अलकेमिस्ट एविएशन के विमान का पता लगाने के लिए नेवी की टीम लगातार तीसरे दिन सर्च अभियान चलाया लेकिन सफलता नहीं मिली। नेवी की टीम सोनार सिस्टम से विमान को तलाशने की कोशिश की लेकिन पानी के अंदर डूबे हुए मकान, चट्टान और पेड़ों की टहनियां ही मिल रही है।

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    नेवी की टीम सुबह सात बजे सर्च अभियान शुरू किया और लापता विमान को तलाशने के लिए कोयलागढ़, प्रतापपुर, कल्याणपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में सोनार सिस्टम की मदद से विमान की खोजबीन कर रही है लेकिन लापता विमान का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है।

    सोनार की तरंग क्यों नहीं खोज पा रही विमान?

    उम्मीद की जा रही थी कि सोनार सिस्टम से विमान को आसानी से पता लग जाएगा लेकिन चांडिल डैम के अंदर 116 गांव समाए हुए हैं जिसके कारण सोनार की तरंग मकान की दीवारों, चट्टान, शिव मंदिर से लेकर पेड़ की टहनियों से टकराकर वापस आ जा रही है।

    इसके कारण विमान को तलाशने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और डैम की गहराई कहीं-कहीं पर 150 मीटर तक गहरा है। मालूम हो कि अलकेमिस्ट का विमान मंगलवार को उड़ान भरने के आधे घंटे बाद लापता हो गया था। गुरुवार को विमान में सवार प्रशिक्षक और प्रशिक्षु का शव मिल चुका है।  

    डीजीसीए की टीम भी पहुंचे

    दिल्ली से डीजीसीए की टीम भी आई हुई है। शनिवार को तीन सदस्यीय टीम चांडिल डैम पहुंचे और चार बजे एक वोट की मदद से डैम के उस क्षेत्र में गए जहां प्रत्यक्षदर्शी ने विमान गिरने की जानकारी दी थी। लगभग 80 मिनट तक जांच के बाद टीम के सदस्य वापस लौट आए। 

    क्या होता है सोनार सिस्टम साउंड

    नेविगेशन एंड रेजिंग (सोनार) मुख्य रूप से ध्वनि-प्रकाश तरंगों और रडार की मदद से पानी के अंदर के मानचित्र तैयार करने, खोज करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। इसमें सक्रिय और निष्क्रिय, दो तरह के सोनार तरंगों का इस्तेमाल होता है।

    सक्रिय सोनार ट्रांसड्यूसर पानी में घ्वनिक संकेत या ध्वनि की पल्स उत्सर्जित करते हैं जो अपने मार्ग में आने वाले वस्तु से टकराकर वापस प्रतिध्वनि उत्पन्न करता है। जबकि निष्क्रिय सोनार सिस्टम समुद्री वस्तुओं जैसे पनडुब्बी या जहाज सहित समुद्री जानवरों से होने वाले शोर का पता लगाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।

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