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    Jamshedpur News : झारखंड की नई शराब नीति ने बढ़ाई शराब शौकीनों की मुश्किलें...दुकानों से बीयर गायब, मनपसंद ब्रांड की शराब भी नहीं मिल रही, जानिए क्यों है जमशेदपुर में शराब की कमी

    By Sanam SinghEdited By:
    Updated: Wed, 01 Jun 2022 06:06 PM (IST)

    Jamshedpur News जमशेदपुर में देसी शराब उपलब्ध नहीं है। छत्तीसगढ़ से देसी शराब मंगाई जा रही है जो समय पर दुकानों तक नहीं पहुंच पा रही है। ग्राहकों को ...और पढ़ें

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    Jamshedpur News : नई शराब नीति के एक माह बाद भी व्यवस्था ट्रेक पर नहीं

    जमशेदपुर,जासं : झारखंड में दो मई से नई शराब नीति लागू की गई थी। इसके एक माह पूरे हो गए। दुकानों से शराब और बीयर गायब है जिससे शराब के शौकीनों की मुश्किलें बढ़ गई है। अंग्रेजी शराब की कौन कहे, हाल ये है कि देसी शराब भी दुकानों में उपलब्ध नहीं है। दुकानों में मनपसंद ब्रांड भी नहीं है जहां है। वहां मनमाना दाम वसूले जा रहे है। ग्राहकों को हाफ या नीब चाहिए तो वहां फुल मिल रहे है जिसे फुल चाहिए वहां हाफ या निब मिल रहे है। शराब की कमी होने का कारण जिले में गोदाम का नहीं होना है। रांची से संपर्क कर उत्पाद विभाग शराब दुकानों में मंगवा रहा है जितनी खपत है। उस अनुसार माल नहीं मिल रहे है।

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    हाल ये है कि शराब के शौकीन जी भर के जाम भी नहीं छलका पा रहे है। सबसे आश्चर्य कि देसी शराब उपलब्ध ही नहीं है जबकि बस्तियों में अवैध शराब अड्डों, होटल और ढा़बों में आसानी से मिल रहे है। यहीं हाल राष्ट्रीय राजकीय मार्ग संख्या 33 क्षेत्र का है जहां सबकुछ अतिरिक्त पैसे के भुगतान पर सबकुछ मिल जाते है। ऐसे में ग्राहकों को जेब ढीले करने पड़ रहे है। कालाबाजारी जमकर हो रही है। बीयर बार में भी खपत के अनुसार बीयर नहीं मिल रहे है। स्टाक गायब है। सवाल ये उठ रहे है कि जब सरकारी दुकानों में शराब और बीयर नहीं तो अवैध मयखानों में कैसे पहुंच रहे है। दुकानों से गायब बीयर और शराब होटलों और ढाबों में डेढ़ से दोगुनी कीमत में बिक रही है और राजस्व का नुकसान हो रहा है।

    दुकानों में वसूली जा रही अधिक कीमत, ग्राहकों से हो रही किचकिच

    ब्रांडेड शराब तो दुकानों में उपलब्ध नहीं है। रेगुलर ब्रांड के दाम भी बढ़ा कर लिए जा रहे है। जैसे नंबर वन, आइबी, ओसी ब्लू के निब पहले 160 और आरसी और आरएस 180 में दिया जाता था। 160 के बदले 170 और 180 के बदले 190 रुपये लिए जा रहे है। फुल की जो बोतल 700 में मिलती थी। अब 740 रुपये लिए जा रहे है। दाम को लेकर दुकानदार और ग्राहकों के बीच किचकिच हो रहे है। एमआरपी रेट से अधिक कीमत ली जा रही है। हालांकि कुछ दुकानों में शराब की कीमत की लिस्ट भी लगाई गई है।

    छत्तीसगढ़ से मंगाई जा रही देसी शराब, गुणवता ठीक नहीं

    जिले में देसी शराब भी उपलब्ध नहीं है। छत्तीसगढ़ से देसी शराब मंगाई जा रही है जो समय पर दुकानों तक नहीं पहुंच पा रही है। वही शराब को लेकर शिकायत भी मिल रही है। इस कारण देसी शराब नहीं मिल रही है। 25 देसी शराब खोलने की तैयारी है।

    जिले में 45 अंग्रेजी शराब की दुकान है। 40 ऐसी दुकानें है जहां अंग्रेजी और देसी दोनों शराब उपलब्ध है। 25 देसी शराब खोली जाएगी। इसके लिए जगह उपलब्ध नहीं हो रहे है। गोदाम सरायकेला में होने के कारण शराब आपूर्ति में परेशानी हो रही है। रेगुलर ब्रांड के शराब मिल रहे है जहां तक अधिक कीमत लेने की बात कही जा रही है। वह गलत है। हर दुकानों के सामने मूल तालिका लगाने को कहा गया है। कुछ ब्रांड पर 30 प्रतिशत कीमत बढ़ी है तो कुछ में कमी की गई है। पहले पुराने प्रिंट रेट थे। अब नए आ गए है। अगर किसी को लगता है कि अधिक कीमत मूल तालिका से ली जा ही है तो इसकी शिकायत करें।

    एके मिश्रा, सहायक उत्पाद आयुक्त।