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    Sunday हो या Monday, रोज खाएं अंडे: जमशेदपुर के अंडे सुरक्षित, पौष्टिक और भरोसेमंद

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 11:20 PM (IST)

    जमशेदपुर और पूर्वी सिंहभूम में उत्पादित अंडे सुरक्षित और पौष्टिक हैं। पशुधन विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि यहाँ के पोल्ट्री फार्मों में वैज्ञानिक पद् ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। हाल के दिनों में देश के कुछ हिस्सों से आए टेबल अंडों में नाइट्रोफ्यूरान नामक रासायनिक यौगिक के अंश पाए जाने की अफवाह ने उपभोक्ताओं के बीच भ्रम और चिंता की स्थिति पैदा कर दी थी। हालांकि पशुधन विशेषज्ञों ने साफ किया है कि जमशेदपुर और पूर्वी सिंहभूम जिले में उत्पादित अंडे पूरी तरह सुरक्षित और पौष्टिक हैं।
     
     विशेषज्ञों के अनुसार यहां के पोल्ट्री फार्मों में वैज्ञानिक पद्धति से अंडा उत्पादन किया जा रहा है, जिससे किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम की आशंका नहीं है। पशुधन विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह ने बताया कि नाइट्रोफ्यूरान एक ऐसा रासायनिक तत्व है, जिसका लंबे समय तक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, लेकिन जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्रों में उत्पादित अंडों में इसकी मौजूदगी नहीं पाई गई है। 
     
    उन्होंने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिले के पोल्ट्री फार्मों में आधुनिक प्रबंधन प्रणाली, संतुलित आहार और पशु चिकित्सकों की नियमित निगरानी में अंडा उत्पादन किया जाता है। यहां के किसान और उद्यमी ‘गुड फार्मिंग प्रैक्टिसेज’ का सख्ती से पालन करते हैं, जिसमें दवाओं का विवेकपूर्ण उपयोग, स्वच्छता, जैव सुरक्षा और नियमित पशु स्वास्थ्य परीक्षण शामिल है। 
     
    इसी कारण स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अंडे पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद हैं। डॉ. सिंह के अनुसार पूर्वी सिंहभूम जिले में पांच वाणिज्यिक लेयर पोल्ट्री फार्म संचालित हैं, जिनसे प्रतिदिन तीन लाख से अधिक अंडों का उत्पादन होता है। 
     
    वहीं पूरे झारखंड में प्रतिदिन लगभग 16 से 17 लाख अंडे उत्पादित होते हैं। इसके बावजूद राज्य में अंडों की खपत उत्पादन से अधिक है। झारखंड में प्रतिदिन लगभग पांच लाख से अधिक अंडों की अतिरिक्त मांग रहती है, जिसकी पूर्ति के लिए राज्य को आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर निर्भर रहना पड़ता है।
     
     डॉ. सिंह ने बताया कि झारखंड में उपभोग किए जाने वाले करीब 90 प्रतिशत अंडे इन्हीं राज्यों से आते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अंडा पोषण का सबसे सस्ता और संपूर्ण स्रोत है। 
     
    इसमें उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन, विटामिन बी12, डी और ए, फोलिक एसिड, सेलेनियम, फास्फोरस तथा आवश्यक अमीनो एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और श्रमिक वर्ग के लिए अंडा दैनिक आहार में शामिल करना स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी है। 
     
    डब्ल्यूएचओ और भारतीय आहार संस्थान भी प्रतिदिन एक अंडा खाने की सलाह देते हैं। स्थानीय अंडा उत्पादकों का भी यही कहना है कि जमशेदपुर में उत्पादित अंडे पूरी तरह ताजे और सुरक्षित हैं। 

    डिमना के पास भुइयांसिनान स्थित फ्रेश अंडा फार्म के संचालक रजत कुमार ने बताया कि उनके फार्म से प्रतिदिन करीब 25 हजार अंडों का उत्पादन होता है, जबकि आसपास के अन्य फार्मों से मिलाकर लगभग 75 हजार अंडे रोज निकलते हैं। 
     
    यहां से अंडों की आपूर्ति जमशेदपुर के अलावा रांची, चक्रधरपुर और पुरुलिया तक की जाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके फार्म से ताजे अंडे 730 रुपये प्रति सैकड़ा की दर से बेचे जा रहे हैं। 
    विशेषज्ञों और उत्पादकों की मानें तो अंडों को लेकर फैली अफवाहों से घबराने की जरूरत नहीं है। जमशेदपुर और पूर्वी सिंहभूम में उत्पादित अंडे न सिर्फ सुरक्षित हैं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं। 
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