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    जमशेदपुर में दीपावली पर शोर ने तोड़े सारे रिकार्ड, साकची गोलचक्कर और नया कोर्ट के पास 107 डेसिबल तक पहुंचा ध्वनि प्रदूषण

    Updated: Tue, 21 Oct 2025 08:40 PM (IST)

    दीपावली पर जमशेदपुर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया। कई इलाकों में शोर 80 डेसिबल के मानक से ऊपर दर्ज किया गया, साकची में 107 डेसिबल तक पहुंचा। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह तेज आवाज स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, खासकर हृदय रोगियों और सांस के मरीजों के लिए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद नियमों का उल्लंघन हुआ।

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    फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। दीपावली की रोशनी के बीच इस वर्ष जमशेदपुर ध्वनि प्रदूषण के शोर में डूबा रहा। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आदित्यपुर द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार शहर के कई इलाकों में ध्वनि प्रदूषण का स्तर मानक (80 डेसिबल) से कहीं अधिक दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा शोर साकची गोलचक्कर और नया कोर्ट के पास हुआ, जहां ध्वनि स्तर 107 डेसिबल तक पहुंच गया। विशेषज्ञों के अनुसार 80 डेसिबल से अधिक आवाज सेहत के लिए हानिकारक होती है। पटाखों से निकली यह तीव्र ध्वनि न केवल कानों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि हृदय रोगियों और सांस के मरीजों के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करती है।

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    शहर के ज्यादातर हिस्सों में शोर का स्तर 90 डेसिबल से ऊपर रहा :
    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि दीपावली की रात शहर के अधिकांश हिस्सों में शोर का स्तर 90 डेसिबल से ऊपर रहा। उन्होंने कहा कि 125 डेसिबल से अधिक आवाज़ वाले पटाखों पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन इसके बावजूद लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। साकची, बिष्टुपुर, आदित्यपुर और टाटा मुख्य अस्पताल के आसपास का इलाका सबसे अधिक प्रभावित रहा। बिष्टुपुर में अधिकतम 100.3 डेसिबल, जबकि आदित्यपुर एस टाइप चौक पर 98.9 डेसिबल ध्वनि स्तर दर्ज किया गया।
     
    तेज आवाज के कारण फट सकते हैं कान के पर्दे :
    शहर के ईएनटी विशेषज्ञ डा. रोहित कुमार ने चेतावनी दी कि लगातार तेज आवाज के संपर्क में रहने से कान के पर्दे फट सकते हैं और स्थायी बहरापन हो सकता है। वहीं हृदय रोग विशेषज्ञ डा. बलराम झा ने कहा कि पटाखों की आवाज और धुएं से दिल के मरीजों और अस्थमा पीड़ितों के लिए खतरा कई गुना बढ़ जाता है।



    डेटा: शहर में दीपावली रात का ध्वनि प्रदूषण स्तर (6–12 बजे रात तक)

    स्थान                               अधिकतम (डेसिबल)    न्यूनतम (डेसिबल)    स्थिति

    साकची गोलचक्कर                 106.9                     67.3                   सर्वाधिक शोर
    नया कोर्ट साकची                 106.9                     65.2                   कानों के लिए हानिकारक
    बिष्टुपुर (वाहन टेस्टिंग सेंटर)    100.3                     67.9                   मानक से अधिक
    एस-टाइप चौक, आदित्यपुर     98.9                       62.6                   उच्च प्रदूषण
    इंदिरा चौक, आदित्यपुर          98.5                       69.8                   मानक से ऊपर
    टाटा मुख्य अस्पताल             80.6                       55.2                   सीमित पर असरकारी



    विशेषज्ञों की चेतावनी:

    80 डेसिबल से अधिक आवाज कानों के लिए हानिकारक।

    120 डेसिबल तक पहुंचने पर सुनने की क्षमता प्रभावित होती है।

    150 डेसिबल से अधिक शोर कान के पर्दे को फाड़ सकता है।

    धुएं में मौजूद पीएम2.5 और नाइट्रोजन आक्साइड फेफड़ों और हृदय के लिए घातक।