स्वच्छता मामले में इंदौर को पछाड़ सकता जमशेदपुर, 2026 तक हर घर को नल से मिलेगा आरओ वाटर
टाटा स्टील यूआइएसएल के प्रबंध निदेशक रितुराज सिन्हा ने कहा कि नागरिकों के सहयोग से जमशेदपुर इंदौर को पीछे छोड़ स्वच्छता में नंबर एक बन सकता है। शहर में गीला-सूखा कचरा पृथक्करण एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने वर्ष 2026 तक हर घर को नल से पानी देने की योजना बताई। जमशेदपुर में नए फ्लाईओवर की योजना खटाई में पड़ गया है। सरकार ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। देश भर में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को जमशेदपुर शहर भी पछाड़ कर नंबर-1 बन सकता है लेकिन इसके लिए शहरवासियों से सहयोग की जरूरत है।
यह कहना है जमशेदपुर में नागरिक सुविधाएं देने वाली कंपनी, टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (यूआइएसएल) के प्रबंध निदेशक रितुराज सिन्हा का।
यूनाइटेड क्लब में शुक्रवार दोपहर पत्रकारों से बात करते हुए रितुराज सिन्हा ने कहा कि इंदौर जैसे शहर में सफाई के प्रति वहां के लोग काफी जागरूक है। वहां कोई भी शहरी अपने घर के बाहर या चलती कार से पानी-चिप्स के खाली पैकेट बाहर नहीं फेकता।
यही कारण है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में वह शहर हमेशा नंबर-1 बन रहा है। रितुराज सिन्हा का कहना है कि जमशेदपुर को नंबर-1 बनाने के लिए हमने मूलभूत नागरिक सुविधाएं तो बेहतर बना ली हैं, लेकिन हमें व्यावहारिक रूप से जिम्मेदार होना होगा। वहीं, उन्होंने बताया कि हमारे शहर में घर-घर कचरा उठाव और सूखा कचरा व गीला कचरा पृथककरण अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।
ठोस कचरा प्रबंधन पर किया जा रहा है काम
रितुराज सिन्हा ने बताया कि कंपनी शहर के ठोस कचरा प्रबंधन पर काम कर रही है। शहरी कचरा के निस्तारण के लिए सीआरएम बारा में प्लांट संचालित कर रही है जहां 1.5 लाख टन कचरा का निस्तारण किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनी पैकेज्ड सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर भी काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि कंपनी की पहल से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बायो गैस प्लांट लगाए गए हैं जहां बचे हुए खाने व किचन वेस्ट से गैस बनाकर उसका क्लब व कैंटीन में इस्तेमाल किया जा रहा है।
2026 की गर्मी तक हर घर को नल से मिलेगा पानी
रितुराज सिन्हा ने बताया कि हमारी योजना है कि वर्ष 2026 की गर्मी तक हर घर को नल से पानी मिले। इसके लिए ईस्टर्न क्षेत्र में पाइप लाइन का नेटवर्क बिछाया गया है। हालांकि यह दुर्भाग्य है कि हमने पानी का कनेक्शन के लिए 5400 फार्म बांटे। इसमें से 1500 फार्म ही वापस आए जिसमें से 1000 लोगों ने कनेक्शन चार्ज के रूप में पैसे जमा किए हैं। इनमें से हमने 975 घरों को पानी का कनेक्शन दे दिया है।
इसलिए उन्होंने 10 नंबर बस्ती, नामदा बस्ती, जोजोबेड़ा, महानंद बस्ती, पंजाबी रिफ्यूजी कालोनी व नंदनगर सहित अन्य क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वे पानी का कनेक्शन लेने के लिए आवेदन फार्म के साथ पैसे भी जमा कराएं। हमारा नेटवर्क बिछ चुका है। वहीं, उन्होंने मोहरदा जलापूर्ति योजना के दूसरे चरण में 12 हजार नए कनेक्शन देने की बात कही है। जुस्को एमडी का कहना है कि कंपनी वर्तमान में 95 हजार घरों में पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति करती है। इसमें 20 हजार कंपनी क्वार्टर हैं जबकि शेष 75 हजार बस्ती में रहने वाले शहरवासी हैं।
मालूम हो कि टाटा स्टील यूआइएसएल के पानी की गुणवत्ता राष्ट्रीय मानक से भी बेहतर है। यही कारण है कि जिन घरों को कंपनी के पाइपलाइन से पानी मिलता है उनके घर आरओ फिल्टर लगाने की जरूरत नहीं है। वे सीधे पानी को ग्लास में भरकर पी सकते हैं।
खटाई में पड़ गया जमशेदपुर की फ्लाईओवर की योजना
जमशेदपुर शहर को ट्रैफिक मुक्त बनाने के लिए टाटा स्टील ने झारखंड सरकार को तीन फ्लाईओवर निर्माण का प्रस्ताव दिया था। इसमें सबसे महत्वपूर्ण और व्यस्त क्षेत्र साकची से एग्रिको तक का इलाका है। पूर्व में सरकार ने इसे मंजूरी प्रदान की थी, लेकिन पीसी के दौरान सिन्हा ने बताया कि सरकार ने उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
उन्होंने बताया कि जमशेदपुर शहर इस तरह का नहीं है कि फ्लाई ओवर में चढ़ने के लिए पहले 500 मीटर का रैंप बनाया जाए फिर 200 मीटर का फ्लाईओवर और दूसरी ओर उतरने के लिए फिर 500 मीटर का रैंप बने। इससे उक्त सड़क के नीचे ट्रैफिक जाम हो जाएगा। वहीं, उन्होंने बताया कि मानसून की समाप्ति के बाद जो भी सड़क टूट गए हैं उनकी मरम्मती कराई जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।