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    Jharkhand News : 8 साल से भर रहे थे प्रीमियम, बीमा कंपनी ने दिया धोखा; मुश्किल में फंसा परिवार तो उठा लिया बड़ा कदम

    जमशेदपुर में एक व्यक्ति बीमा कंपनी में परिवार के लिए 15 लाख का बीमा कराया था। आठ साल से प्रीमियम भर रहा था। कैशलेस स्कीम की वजह से वह निश्चिंत होकर अपने बेटे का इलाज बेंगलुरु स्थित नारायण हृदयालय में कराया। अब जब अस्पताल से डिस्चार्ज करने का समय आया तो कंपनी ने अस्पताल प्रबंधन को 3.90 लाख रुपये चुकाने का लेटर दिया।

    By Birendra Kumar OJhaEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sun, 12 Nov 2023 08:43 PM (IST)
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    8 साल से भर रहे थे प्रीमियम, बीमा कंपनी ने दिया धोखा

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जमशेदपुर के सोनारी निवासी भोलानाथ जायसवाल स्वास्थ्य बीमा कंपनी में पूरे परिवार का 15 लाख का बीमा कराया था। आठ साल से प्रीमियम भी भर रहा था।

    कैशलेस स्कीम की वजह से निश्चिंत होकर अपने बेटे का इलाज बेंगलुरु स्थित नारायण हृदयालय में कराया। जब डिस्चार्ज करने का समय आया तो कंपनी ने अस्पताल प्रबंधन को 3.90 लाख रुपये चुकाने का पत्र दिया, लेकिन अंतिम समय में भुगतान रोक दिया।

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    'मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ना का आरोप'

    भाजपा नेता व पूर्व डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि यह न केवल धोखाधड़ी का मामला है, बल्कि मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ना का आरोप भी बनता है। यह मामला उनके लीगल सेल में आया तो सभी चौंक गए।

    बीमा कंपनी ने यह कहते हुए भुगतान करने से मना कर दिया कि आपने बीमा कराते समय यह नहीं बताया था कि बेटे को श्वास से संबंधित समस्या है।

    उपभोक्ता न्यायालय में दर्ज कराया जाएगा मामला 

    पीड़ित ने कहा कि उनके 16 वर्षीय बेटे को हाल ही में इसकी परेशानी हुई तो इलाज कराने गया था। यह बीमारी पहले से नहीं थी तो कैसे बताता।

    सीएच एरिया स्थित आवास पर पूर्व डीआईजी को शिकायत पत्र देने पहुंचे जायसवाल ने बताया कि मैंने अपना सोने का ब्रेसलेट और चेन बेचकर अस्पताल का बिल चुकाया।

    इस पर राजीव रंजन सिंह ने बताया कि इस मामले में बीमा कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता न्यायालय में तो केस दर्ज कराया ही जाएगा। साथ ही बीमा कंपनी व बीमा के लिए प्रेरित करने वाले बैंक प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यह एक उदाहरण है कि बीमा कंपनियां किस तरह लोगों की भावना से खिलवाड़ करती हैं।

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