इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स जमशेदपुर सेंटर के अध्यक्ष एके श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को फिर भेजा पत्र, की ये मांग
इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स जमशेदपुर सेंटर के अध्यक्ष एके श्रीवास्तव ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने न सिर्फ उद्यमियों की वर्तमान स्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री को दी है बल्कि उन्हें कुछ सुझाव भी दिए हैं।

जमशेदपुर, जासं। इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स, जमशेदपुर सेंटर के अध्यक्ष एके श्रीवास्तव जो जमशेदपुर सिटीजन फोरम के भी अध्यक्ष हैं, उन्होंने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने न सिर्फ उद्यमियों की वर्तमान स्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री को दी है बल्कि उन्हें कुछ सुझाव भी दिए हैं।
एके श्रीवास्तव के अनुसार, झारखंड सरकार राज्य में काम करने वाले ठेका श्रमिकों का एक वर्ष में दो बार वेतन में महंगाई दर के अनुरूप बढ़ोतरी करती है। श्रम आयुक्त के ताजा आदेश के तहत श्रमिकों के मासिक वेतन में 354 रुपये से लेकर 556 रुपये की बढ़ोतरी वेरिएवल डीए के रूप में की गई है। सरकार के नियम के अनुसार साल में दो बार श्रमिकों के हित में डीए बढ़ाती है जो स्वागतयोग्य है, लेकिन पिछले दो सालों से कोविड 19 महामारी के कारण, लघु एवं मध्यम वर्ग वाले उद्योगों की आर्थिक स्थिति काफी चिंतनीय हो गई है। खासकर बड़े उद्योगों पर निर्भर अनुषंगी उद्योग पिछले दो साल से उत्पादन में कमी के कारण अपने श्रमिकों की छंटनी कर रहे हैं। एके श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने पहले ही सरकार से अनुरोध किया था कि जब तक सभी कंपनियों में उत्पादन सामान्य नहीं हो जाता है तब तक औद्योगिक श्रमिकों को मनरेगा के कार्यों में लगाया जाए। मानसून के समय उन्हें औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क के किनारे पेड़ पौधे लगवाए जाएं ताकि उनके परिवार का भरण पोषण हो सके। कोविड 19 के सेकेंड वेव के आने से कंपनियां पहले ही आर्थिक बोझ से दबी हुई है। श्रमिकों को वेतन देने में उन्हें भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
यह सलाह भी दी
एके श्रीवास्तव का कहना है कि सरकार करीब 80 से 82 करोड लोगों को विशेष राशन और आर्थिक सुविधा देने की घोषणा की है। मेरी सलाह है कि जिस क्षेत्र में अकुशल और अर्धकुशल श्रमिकों की संख्या अधिक है उन क्षेत्रों में जब तक औद्योगिक उत्पादन में और उत्पादित सामग्रियों के मांग में बढ़ोतरी नहीं होती है तब तक यह सुविधा चालू रहनी चाहिए। इसके लिए जिला स्तर पर संबंधित विभाग के पदाधिकारियों की एक कमेटी बनाकर इसे शुरू करवाना चाहिए। चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज एंड एसोसिएशन या अन्य मान्यता प्राप्त व्यवसाय और उद्योगों की संस्थाओं को इस कमेटी में अवश्य स्थान मिलना चाहिए ताकि एक समाधान निकल सके।
आक्सीजन सिलेंडर की कमी पर खींचा ध्यान
औद्योगिक इकाइयों ने अपने उत्पादन को कम कर और कोरोना में लोगों को जान बचाने के लिए अपना इंडस्ट्रियल आक्सीजन सिलेंडर लिक्विड मेडिकल आक्सीजन के इस्तेमाल के लिए समर्पित कर दिया। कोविड 19 के बावजूद जो थोड़े-बहुत आर्डर मिले थे वह भी आक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण बंद हो गया। इसलिए हमें विश्वास है कि सरकार इस पर प्राथमिकता के आधार पर एक कारगर आदेश जारी करने की कृपा करेगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।