विकसित भारत 2047 की दिशा में बड़ा कदम: NML में शुरू होगी देश की पहली Hydrogen परीक्षण सुविधा
जमशेदपुर के राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (NML) में भारत की पहली हाइड्रोजन परीक्षण सुविधा शुरू होगी। यह विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी। यह सुविधा हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण और परिवहन में अनुसंधान को बढ़ावा देगी और उद्योगों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। इससे भारत हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।

बर्मामाइंस स्थित सीएसआईआर एनएमएल में दीप जलाकर कार्यक्रम का शुुभारंभ करतीं सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ कलैसेल्वी।
हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए परीक्षण सुविधा का शिलान्यास
डॉ. एन. कलैसेल्वी ने भारत सरकार के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाओं की आधारशिला रखी। ये देश की पहली परीक्षण सुविधाएं होंगी, जो स्वदेशी हाइड्रोजन उत्पादन तकनीकों के विकास को नई गति देंगी।
स्थापना दिवस के साथ ही 26 नवंबर को देश भर में मनाए जाने वाले संविधान दिवस के अवसर पर डॉ. कलैसेल्वी ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन भी किया।
स्वागत भाषण में एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने कहा कि भारत की धातुकर्म अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करने और वैज्ञानिक चुनौतियों का समाधान खोजने के उद्देश्य से सीएसआईआर-एनएमएल की स्थापना की गई थी।
उन्होंने बताया कि पिछले सात दशकों में प्रयोगशाला ने खनन, इस्पात, एल्यूमिनियम, एयरोस्पेस, सामरिक धातुओं और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है। उन्होंने प्रयोगशाला की प्रमुख वैज्ञानिक उपलब्धियों का उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला में एडवांस्ड अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल (AUSC) पावर प्लांट सामग्री, बैटरी-से-बैटरी रीसाइक्लिंग तकनीक, मैग्नीशियम उत्पादन तकनीक, नए स्टील ग्रेड का विकास, नई एल्यूमिनियम मिश्रधातुएं, रेड मड तकनीक, जिंक ड्रॉस से सिल्वर निष्कर्षण तकनीक, रेयर अर्थ मेटल का निष्कर्षण को बढावा मिल रहा है।
संसाधन निष्कर्षण से लेकर उन्नत सामग्री तक तथा रीसाइक्लिंग तकनीक से सामरिक धातुकर्म तक बनाए जा रहे हैं। ये उपलब्धियां एनएमएल के अनुसंधान की व्यापकता को दर्शाती हैं।
सीएसआईआर के लिए वैश्विक मंच पर मजबूत उपस्थिति आवश्यक: महानिदेशक
डॉ. कलैसेल्वी ने कहा कि हर चुनौती अपने साथ एक अवसर लेकर आती है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी तकनीक विकसित करना और स्टार्टअप्स के साथ सहयोग बढ़ाना आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
उन्होंने कहा कि सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं ने हमेशा वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया है। भविष्य में तकनीकी नवाचार राष्ट्र की विकास गति को और बढ़ाएंगे।
उद्योगों का बढ़ता विश्वास
कार्यक्रम में पूर्व सीएमडी मिधानी, एसके. झा ने कहा कि सीएसआईआर-एनएमएल उन चुनिंदा प्रयोगशालाओं में से है, जो प्रयोगशाला स्तर पर तकनीक विकसित करने के साथ-साथ पायलट स्तर पर उसका प्रदर्शन भी करती है। वहीं, डॉ. एन मुर्मू ने सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के बीच सहयोग को देश के विकास के लिए आवश्यक बताया।
स्थापना दिवस पर सीएसआईआर-एनएमएल ने कई उद्योगों के साथ समझौता (MoUs) का आदान-प्रदान किया। इसके अलावा AcSIR के पूर्व छात्रों को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र, सर्वश्रेष्ठ तकनीक और सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी के लिए इन-हाउस पुरस्कार प्रदान किए गए। कर्मचारियों के प्रतिभाशाली बच्चों को उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए महानिदेशक छात्रवृत्ति पुरस्कार भी दिए गए।

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