DHAKA में 11 भारतीय तीरंदाजों की जान जोखिम में; दंगों के बीच बिना सुरक्षा धर्मशाला जैसे होटल में ठहराया
ढाका में 11 भारतीय तीरंदाजों को दंगों के बीच बिना सुरक्षा के एक धर्मशाला जैसे होटल में ठहराया गया है, जिससे उनकी जान को खतरा है। खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि उन्हें असुरक्षित माहौल में रखा गया है। प्रशासन की लापरवाही के कारण खिलाड़ियों में डर का माहौल है।

ढाका में एयरलाइन ने भारतीय तीरंदाजों को खिड़की रहित लोकल बस में बैठाकर धर्मशाला जैसे होटल भेजा गया।
जासं, जमशेदपुर। एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में छह स्वर्ण सहित 10 पदक जीतकर इतिहास रचने वाले भारतीय खिलाड़ियों को ढाका में अपमान का सामना करना पड़ा। उड़ान रद होने के बाद भारतीय दल के 11 तीरंदाजों जिनमें दिग्गज कंपाउंड तीरंदाज अभिषेक वर्मा और ज्योति सुरेखा भी शामिल थे, को पूरी रात हिंसाग्रस्त ढाका में बिना सुरक्षा एक अत्यंत निम्न स्तर के होटल में ठहरने पर मजबूर होना पड़ा।
विमान में बैठने के बाद बताया, उड़ान रद, कोई मदद नहीं
भारतीय दल शनिवार रात दिल्ली लौटने वाला था। खिलाड़ी विमान में बैठ चुके थे, तभी उन्हें बताया गया कि विमान में तकनीकी खराबी है और उड़ान रद कर दी गई है।
लोकल बस, खिड़की नहीं, सुरक्षा नहीं; अभिषेक वर्मा ने बयां किया दर्द
अनुभवी तीरंदाज अभिषेक वर्मा ने बताया कि आधी रात एयरलाइन ने उन्हें खिड़की रहित लोकल बस में बैठाकर एक ऐसी जगह भेजा, जिसे होटल कहना भी मुश्किल था। महिला खिलाड़ियों की हालत और खराब थी। छह लड़कियों को एक ही कमरे में ठहराया गया। शौचालय गंदा था, कमरे में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे।
अभिषेक ने सवाल उठाते हुए कहा कि विमान आपका खराब हुआ और आपको पता है कि बाहर दंगे हो रहे हैं। फिर भी आपने हमें बिना सुरक्षा के लोकल बस में भेज दिया। तीन नाबालिग लड़कियां भी थीं… अगर कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता?
उस समय ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ एक फैसले को लेकर शहर भर में हिंसा जारी थी। ऐसे में खिलाड़ियों की सुरक्षा जोखिम में पड़ गई थी।
खिलाड़ियों ने खुद होटल बुक करने की कोशिश की, कार्ड भी फेल
टीम ने अपनी ओर से बेहतर होटल बुक करने की कोशिश की, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कार्ड काम नहीं कर पाए, जिसके कारण वे विकल्प नहीं ढूंढ़ सके और उन्हें मजबूरन वहीं रात गुजारनी पड़ी।
अगले दिन टीम किसी तरह दिल्ली तो पहुंच गई, लेकिन कई खिलाड़ियों की कनेक्टिंग फ्लाइट छूट गई। इससे तीरंदाजी महासंघ को हजारों रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा।


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