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    25 साल बाद इंकैब इंडस्ट्री का होगा पुनरुद्धार, एनसीएलटी से मिली मंजूरी, वेदांता 90 दिनों में करेगा टेकओवर

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 11:24 PM (IST)

    लगभग 25 वर्षों से बंद पड़ी इंकैब इंडस्ट्री के पुनरुद्धार को एनसीएलटी ने मंजूरी दे दी है। वेदांता समूह 545 करोड़ रुपये के निवेश से कंपनी का पुनरुद्धार ...और पढ़ें

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    फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। करीब 25 वर्षों से बंद पड़ी इंकैब इंडस्ट्री के पुनरुद्धार का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता डबल बेंच ने बुधवार को अपना विस्तृत आदेश जारी करते हुए वेदांता समूह के रिवाइवल प्लान को मंजूरी दे दी।  
     
    लगभग 90 पृष्ठों के इस आदेश में ट्रिब्यूनल ने इंकैब इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करने की अनुमति प्रदान की है। इंकैब इंडस्ट्री अप्रैल 2000 से बंद पड़ी थी। 
     
    कंपनी के कर्मचारियों और जमशेदपुर सहित पुणे स्थित संयंत्रों के पुन: संचालन की मांग लंबे समय से उठ रही थी। अदालत ने पहले ही पंकज टिबरेवाल को कंपनी का परिसमापक नियुक्त कर आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कराने का निर्देश दिया था। 
     

    545 करोड़ रुपये के निवेश से होगा पुनरुद्धार  

    सभी पक्षों को सुनने के बाद 22 नवंबर को कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिसे बुधवार को सार्वजनिक कर दिया गया। वेदांता समूह ने इंकैब इंडस्ट्री के लिए कुल 545 करोड़ रुपये का रिवाइवल प्लान पेश किया था, जिसमें पुनरुद्धार, पूंजीगत व्यय और कार्यशील पूंजी शामिल है। 
     
    इस निवेश के माध्यम से कंपनी जमशेदपुर और पुणे स्थित दोनों संयंत्रों का अधिग्रहण करेगी। इंकैब इंडस्ट्री बंद होने से पहले कॉपर और एल्यूमीनियम रॉड मिल, वायर मिल सहित अन्य उत्पादों का निर्माण करती थी। 
     
    वेदांता की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, एनसीएलटी से आदेश मिलने के 90 दिनों के भीतर इंकैब का औपचारिक टेकओवर कर लिया जाएगा। कंपनी ने सात अगस्त 2019 को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत इंकैब को टेकओवर करने का आवेदन दायर किया था। 
     

    25 वर्षों से इंतजार कर रहे कर्मचारियों को मिलेगी राहत  

    इसके बाद कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) ने रिवाइवल प्लान को स्वीकृति दी और 23 जून 2022 को इसे एनसीएलटी में प्रस्तुत किया गया। 
    इंकैब इंडस्ट्री के बंद होने के बाद हजारों कर्मचारी पिछले ढाई दशकों से संयंत्र के दोबारा खुलने और अपने बकाया भुगतान पीएफ, ग्रेच्युटी आदि की प्रतीक्षा कर रहे थे। 
     
    एनसीएलटी के इस फैसले से कर्मचारियों में उम्मीद जगी है कि जल्द ही कंपनी का संचालन बहाल होगा और उनके लंबित भुगतान का समाधान भी हो सकेगा।  
     

    अगले तीन महीने होंगे अहम

    वेदांता समूह द्वारा टेकओवर और निवेश की घोषणा से स्थानीय उद्योग जगत में भी खुशी का माहौल है। जमशेदपुर और पुणे के उद्योग क्षेत्रों में नए रोजगार अवसर पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है। 

    एनसीएलटी का आदेश जारी होने के बाद अब सबसे महत्वपूर्ण चरण वेदांता समूह द्वारा निर्धारित 90 दिनों की समयसीमा है, जिनमें कंपनी को इंकैब का अधिग्रहण पूरा करना होगा। इसके बाद पुनरुद्धार कार्य शुरू किए जाएंगे। 



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