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    Jamshedpur News: एमजीएम में भोले-भाले मरीजों से जांच के नाम पर ऐंठ रहा था रुपये, नर्स से मिलकर चला रहा था धंधा, अधीक्षक ने पकड़ा

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 03:49 PM (IST)

    महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कालेज अस्पताल में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। अस्पताल के नए भवन स्थित 134 नंबर रूम में बिना किसी अधिकृत अनुमति के एक युवक मरीजों की यूरोफ्लोमेट्री और रक्त जांच कर रहा था। पूछताछ में युवक ने बताया कि एक नर्स ने उसे रूम की चाबी दी थी।

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    एमजीएम में जांच के नाम पर ठगी करने के मामले का खुलासा हुआ है।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर । महात्मा गांधी मेमोरियल MGM मेडिकल कालेज अस्पताल में सोमवार को एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। Jamshedpur News

    अस्पताल के नए भवन स्थित 134 नंबर रूम में बिना किसी अधिकृत अनुमति के एक युवक मरीजों की यूरोफ्लोमेट्री और रक्त जांच कर रहा था। अधीक्षक डा. आरके मंधान ने खुद उसे रंगेहाथ पकड़ा।

    पूछताछ में युवक ने अपना नाम मोबिन बताया और खुलासा किया कि एक नर्स ने उसे रूम की चाबी दी थी।  वह पिछले कई दिनों से पुराने अस्पताल भवन में मेडिसिन विभाग के पास भी बैठता था ।

    वहीं यूरोफ्लोमेट्री जांच करता था। अब वह नए अस्पताल के 134 नंबर रूम में आकर मरीजों की निश्शुल्क जांच करने लगा था। उसने बताया कि एक अन्य युवक भी आता था, जो खुद को ''थायरोकेयर'' से जुड़ा बताता था और मरीजों का ब्लड सैंपल ले जाता था। जांच के नाम पर मरीजों से पैसे भी वसूलता था।

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    एक मरीज से लिए 300 रुपये, रिपोर्ट भी नहीं दी

    सोमवार को एक मरीज के स्वजनों ने अधीक्षक से शिकायत की कि उक्त युवक ने 300 रुपये लेकर ब्लड सैंपल लिया, लेकिन रिपोर्ट नहीं दी।

    जब बात विधायक सरयू राय तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल अस्पताल प्रशासन से मामले की गंभीरता से जांच करने को कहा। इसके बाद अधीक्षक ने 134 नंबर रूम में छापेमारी की तो पूरा मामला सामने आया।

    कर्मचारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं

    इस पूरे मामले में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर युवक को रूम की चाबी किसने दी? उसे अस्पताल में कौन आने देता था और कब से वह जांच का काम कर रहा था? Hospital superintendent ने आशंका जताई है कि कुछ डाक्टर, नर्स या अन्य कर्मचारियों की इसमें मिलीभगत हो सकती है।

    उन्होंने इस मामले की जांच का जिम्मा उपाधीक्षक डा. जुझार माझी को सौंपा है। डा. माझी ने कहा कि यह गंभीर मामला है और इसकी तह तक जाकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    रूम खाली कराया गया, कार्रवाई की तैयारी

    अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से 134 नंबर रूम को खाली करा दिया है और मोबिन व अन्य संलिप्त लोगों की तलाश की जा रही है।

    अस्पताल प्रशासन इस पूरे प्रकरण को लेकर विधिवत जांच कर रहा है और दोषियों पर एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

    क्या है यूरोफ्लोमेट्री जांच?

    यूरोफ्लोमेट्री एक ऐसी जांच है जिसमें पेशाब के बहाव और मात्रा को मापा जाता है। यह आमतौर पर यूरोलाजी से जुड़ी समस्याओं की पहचान के लिए की जाती है।

    अस्पतालों में यह जांच प्रशिक्षित तकनीशियन या डाक्टर की निगरानी में होती है, लेकिन एमजीएम में इसका गलत इस्तेमाल हो रहा था।

    स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

    इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल यह भी है कि बिना किसी नियुक्ति और सत्यापन के कोई बाहरी व्यक्ति अस्पताल में कैसे मरीजों का इलाज या जांच कर सकता है?

    अब देखना यह है कि अस्पताल प्रशासन इस मामले में कितनी पारदर्शिता से जांच करता है और दोषियों पर क्या सख्त कार्रवाई होती है।