Jamshedpur Ganesh Puja : जमशेदपुर में आंध्र व मराठा समाज की संस्थाएं 100 वर्ष से अधिक समय से कर रहे गणेश पूजा, जरा धीरज धरिए, घर-घर आ रहे है गजानन
गणेश महोत्सव को लेकर जमशेदपुर में आंध्र व मराठी समाज की संस्थाएं तथा कई पूजा कमेटियों ने गणेश पूजा की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। शहर का मुख्य आयोजन गणेश पूजा मैदान कदमा में होगा। यहां 19 दिन तक उत्सव मनाया जाएगा।

जासं, जमशेदपुर। जमशेदपुर में गणपति उत्सव का इतिहास 100 वर्ष से अधिक पुराना है। कई गणेश मंदिरों का निर्माण भी शहर में हुआ। खासकर आंध्र व मराठा समाज की संस्थाएं गणेश उत्सव का आयोजन भव्य रूप से करते हैं। इसकी तैयार वे एक माह पूर्व से ही प्रारंभ करते हैं। भव्य मूर्तियों को स्थापित अपने-अपने संस्थान के पंडालों में स्थानों में स्थापित किया जाता है तथा दक्षिण भारतीय व मराठा विधि से गजानन की पूजा अर्चना होती है। इस बार गणेश पूजा 31 अगस्त से है। इस अवसर पर आयोजित होने वाली गणेश उत्सव में कई तरह के धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। आंध्र व मराठा समाज के सभी घरों में गजानन को एक दिन पहले लोग अपने कंधे में लेकर आते हैं। गणपति बप्पा मोरया का जयकारा लगाते हुए अपने पूजा स्थल में बैठाते है। अगले दिन भगवान की विधि पूजा अर्चना की जाती है।
आंध्र समाज में प्रसाद के रूप में बनती है आरदी
आंध्र समाज के प्रत्येक घरों में गणेश पूजा के दौरान एक मुख्य प्रसाद बनती है। इसका नाम आरदी है। यह मुख्य रूप से चावल गुंडी, गुड, चीनी, मोदक का मिश्रण है। इसके अलावा कई तरह के फलों से घर के पूजा स्थल को सजाया जाता है। साथ अन्य प्रसाद के रूप में चना भूजा तथा कई तरह की सामग्री बनती है।
इन गणेश मंदिरों में होगी विशेष पूजा
टिनप्लेट गणेश मंदिर, टेल्को व खड़ंगाझार गणेश मंदिर में गणेश पूजा में विशेष पूजा अर्चना होती है। इस पूजा का इंतजार का सभी को रहता है। इन तीन मंदिरों का नाम गणेश मंदिर ही है। यहां भगवान गणेश की आकर्षक मूर्तियां स्थापित है। मंदिरों के रंग-रोगण का कार्य जारी है। इन मंदिरों में भी दक्षिण भारतीय विधि से पूजा अर्चना होती है।
104 साल से श्री बाल गणपति विलास कर रहा गणेश महोत्सव का आयोजन
आंध्र समाज की संस्था श्री बाल गणपति विलास (बीजीवि) द्वारा 104 साल से भगवान गजानन की पूजा अर्चना की जा रही है। मैदान में आठ फीट की भव्य मूर्ति का आगमन 30 सितंबर को होगा और पूजा अर्चना प्राण प्रतिष्ठा के साथ 31 अगस्त से प्रारंभ होगी। अपने पूजा कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बीजी विलास के अध्यक्ष बी आनंद राव, कार्यकारी अध्यक्ष वाई गुरुनाथ राव, महासचिव टी अंजी कुमार राव, कोषाध्यक्ष पी कृष्णा राव, पूजा कमेटी के सचिव डी सत्या राव, बी बापूजी, बी वासुदेव, एस कार्तिक ने बताया कि 31 अगस्त को प्राण प्रतिष्ठा पूजा होगी। शाम को यहां लगने वाले मेले का उद्घाटन होगा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक सरयू राय समेत कई गणमान्य लाेग उपस्थित रहेंगे। एक सितंबर से 17 सितंबर तक कई धार्मिक कार्यक्रम होंगे। इस दौरान रोज सुबह वेद परायण, अभिषेक पूजा एवं सहस्त्रनामा पूजा का आयोजन होगा। शाम को विभिन्न संस्थाओं के सदस्यों द्वारा संध्या आरती की जाएगी। आठ सितंबर की रात को भजन संध्या का आयोजन किया गया है। नौ एवं 16 सितंबर को दोपहर में महिलाओं द्वारा कुमकुम पूजा का आयोजन होगा। चौदह सितंबर को आश्रम में जाकर गरीबों को भोजन कराया जाएगा। सत्रह सितंबर को महाप्रसाद का वितरण होगा। अठारह सितंबर को विसर्जन होगा।
जी टाउन में 98 तो एडीएल में 100 साल से हो रही पूजा
आंध्र समाज की संस्था आंध्र भक्त कोलाटा समाजम जी टाउन बिष्टुपुर में 98 साल से गणेश पूजा का आयोजन कर रहा है। यहां दस दिन तक पूजा अर्चना होगी। एडीएल सोसाइटी कदमा में 100 वर्ष से अधिक समय से पूजा अर्चना होती है। बिष्टुुपुर राम मंदिर ब्वायज क्लब द्वारा 54 साल से गणेश पूजा पंडाल बनाकर की जाती है। इस बार पांच दिन की पूजा आयोजित होगी। सिदगोड़ा आंध्र संघम द्वारा पिछले 74 वर्ष से इस पूजा का अायोजन किया जा रहा है। यहां तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे।
सिदगोड़ा में बन रही 14 फीट की मूर्ति
गणेश पूजा को लेकर मूर्तिकार भव्य मूर्तियां बना रहे हैं। मूर्तियों काे बनाने का कार्य समाप्ति की ओर से है। मूर्तिकार 200 रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक भव्य मूर्तियां बना रहे हैं। सोनारी एयरबेस कालोनी के समीप रहने वाले मूर्तिकार कालू दास बताते हैं कि उनके पास दो फीट से लेकर 14 फीट तक मूर्तियां लगभग बन चुकी है। सिदगोड़ा गणेश पूजा कमेटी की ओर से 14 फीट की मूर्ति बनाई गई है। भूईयांडीह के भरत व अजीत पाल ने बताया कि वर्षा के कारण कुछ परेशानी हुई थी, लेकिन आर्डर व बिना आर्डर की मूर्तियां चार दिन में पूरी तरह से तैयार हो जाएगी।
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