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    CSR FUND: यदि किसी कंपनी ने सीएसआर में खर्च नहीं किया पैसा तो करना होगा ये काम

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Sun, 21 Mar 2021 10:13 AM (IST)

    CSR FUND. कंपनी एक्ट में किए गए संशोधन के तहत यदि किसी कंपनी ने सीएसआर की राशि खर्च नहीं कर पाया तो उन्हें सीएसआर की पूरी राशि सरकारी खाते में यानि नेशनल अनस्पेंड सीएसआर फंड में हस्तांतरित करना होगा।

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    सीएसआर व जीएसटी में हुए संशोधन पर यूनाइटेड क्लब में कार्यशाला का आयोजन।

    जमशेदपुर, जासं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेकेट्री, जमशेदपुर चैप्टर द्वारा सीएसआर व जीएसटी में हुए संशोधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन यूनाइटेड क्लब में आयोजित हुआ। इसमें सीएसआर फंड में हुए संशोधन की जानकारी विशेषज्ञ अरानी गुहा ने कई बारिकियों की जानकारी दी।

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    उन्होंने बताया कि देश में संचालित कंपनियां अब तक अपने तीन वर्ष के मुनाफे का औसत पांच करोड रुपये से अधिक है तो उन्हें कुल मुनाफे का दो प्रतिशत कॉरपाेरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) में खर्च करने पड़ते थे। यदि किसी कंपनी ने दो प्रतिशत की राशि खर्च नहीं की तो उन्हें केवल इसकी जानकारी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में देनी पड़ती थी। लेकिन अब केंद्र सरकार ने कंपनी एक्ट की धारा 135 की उप धारा पांच के तहत सीएसआर के लिए तय दो प्रतिशत की पूरी राशि को खर्च करना अनिवार्य कर दिया है। जो पहले कंपनियों की स्वेच्छा पर आधारित था। लेकिन कंपनी एक्ट में किए गए संशोधन के तहत यदि किसी कंपनी ने सीएसआर की राशि खर्च नहीं कर पाया तो उन्हें सीएसआर की पूरी राशि सरकारी खाते में यानि नेशनल अनस्पेंड सीएसआर फंड में हस्तांतरित करना होगा।

    सरकार करेगी इन कार्यों पर खर्च

    जबकि पहले कंपनियों को फंड ट्रांसफर करने की बाध्यता नहीं थी। अब सरकार इस फंड का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड, पीएम केयर्स, स्वच्छ भारत अभियान व क्लीन गंगे जैसे अभियान पर खर्च करेगी। इसके अलावे यदि किसी स्वयंसेवी संस्था या ट्रस्ट की सीएसआर के तहत खर्च होने वाली कुल राशि 10 करोड़ रुपये से अधिक है तो उन्हें स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से सीएसआर के पैसे को खर्च करना होगा। इसके अलावे जीएसटी की बारिकियों पर मानव केडिया ने विस्तार से बताया। कहा कि नए संशोधन के तहत अब आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावे पहले व्यवसायी अपने स्तर से ई-इनवॉयस जनरेट करते थे लेकिन नए प्रावधान के तहत अब जीएसटी पोर्टल से ही इनवॉयस जनरेट हो पाएंगे। इसके अलावे व्यवसासियों को तब तक इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा जब तक उनके विक्रेता संबधित खरीदारी के बिल को जीएसटी के पोर्टल पर अपलोड नहीं कर देते।

    ये रहे मौजूद

    इस सेमिनार को सफल बनाने में जमशेदपुर चैप्टर के चेयरमैन संतोष कुमार, पूर्व चेयरमैन रमेश कुमार सिंह, वाइस चेयरमैन सुरोजीत भूमिज, सचिव शिखा नरेडी, कोषाध्यक्ष वरूण कुमार सिन्हा, कार्यकारिणी सदस्य एसएस धंजल व शालिनी अग्रवाल की अहम भूमिका रही।

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