जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। गम्हरिया स्थित अर्का जैन विश्वविद्यालय में बुधवार को तीन दिवसीय इनोवेशन, डिजाइन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (आइडीई) बूटकैंप का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (एमआईसी) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है।
बूटकैंप का उद्देश्य स्कूली शिक्षा में नवाचार, रचनात्मकता और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम का उद्घाटन एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. सीताराम टीजी., वाइस चेयरमैन डॉ. अभय जेरे और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अतिरिक्त सचिव धीरज साहू ने अन्य अधिकारियों के साथ ऑनलाइन माध्यम से संयुक्त रूप से किया।
उद्घाटन सत्र में सरायकेला-खरसावां के जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में रचनात्मकता और समस्या-समाधान क्षमता विकसित करने में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के स्टार्टअप फेलो गोपाल शर्मा ने स्कूली, तकनीकी और उच्च शिक्षा के आपसी समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक समावेशी शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण से नवाचार और उद्यमिता को नई दिशा मिलेगी।
इसके बाद एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड के प्रो. सिद्धार्थ राजा हलदर और बेंगलुरु स्थित आरवीए यूनिवर्सिटी की प्रो. पल्लवी बिरादर ने ‘डिजाइन थिंकिंग’ और ‘इनोवेशन पेडागोजी’ पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने स्कूलों में समस्या की पहचान, समाधान आधारित सोच और उद्यमी मानसिकता विकसित करने के व्यावहारिक तरीकों पर चर्चा की।
उद्घाटन सत्र में अर्का जैन विश्वविद्यालय के प्रो वीसी डॉ. अंगद तिवारी ने बताया कि इस तीन दिवसीय बूटकैंप का उद्देश्य पीएम श्री स्कूलों के प्राचार्यों और शिक्षकों को नवाचार व उद्यमिता के प्रति प्रशिक्षित करना है। ताकि वे विद्यार्थियों के करियर निर्माण में प्रभावी भूमिका निभा सकें।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों को डिजाइन थिंकिंग, रचनात्मक शिक्षण रणनीतियों और उद्यमिता आधारित शिक्षा को स्कूलों में लागू करने के उपायों पर मंथन कराया जाएगा। इसमें झारखंड के 24 जिलों से आए पीएम श्री स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा अर्का जैन विश्वविद्यालय के अधिकारी और शिक्षाविद शामिल हो रहे हैं।
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