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    Raksha Bandan 2021 : हमने क्या खो दिया इस बदलाव को पाते-पाते, भाई-बहन की भावनाओं पर कैसे हावी हो गया पैसा

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Tue, 17 Aug 2021 09:17 AM (IST)

    Raksha Bandan जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय बताती हैं कि बहनें 200 से 1500 रुपये तक की राखियां ख़रीद कर भाई काे बांधत ...और पढ़ें

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    भाइयों काे प्रण करना चाहिए कि हम सिर्फ बहन से माेली धागा ही बंधवाएंगे।

    जमशेदपुर, जासं। भागदौड़ की जिंदगी में अर्थ की प्रधानता हर जगह सिर चढ़कर बोल रही है। यह रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व पर भी हावी हो गया है। अब भाई-बहन की भावनाओं पर पैसा प्रधान हो गया है। आखिर हम कैसे पैसों की चमक में अपने रिश्तों को कमजोर करते जा रहे हैं, जानिए। जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय बताती हैं कि बहनें 200 से 1500 रुपये तक की राखियां ख़रीद कर भाई काे बांधती हैं। यह तब है, जब राखी तीन रंग के माेली धागे से प्रारंभ होने वाला त्याेहार था।

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    राखियां बनाने वाले उत्पादक 2000 रुपये तक की राखी बना व बेच रहे हैं। आप हम जानते हैं कि यह एक भावनाओं का त्याेहार है। बहनें लंबी दूरी तय करके भाई काे राखी बांधने व सम्मान पाने के साथ भाई के परिवार को खुशियां देने आती हैं। राखी बांधने का मतलब है भाई, तुम दीर्घायु रहो और बुरे समय में मेरी रक्षा करना। परंतु आज के दौर में बहनें भी इस होड़ में लगी हैं कि मेरी राखी सबसे महंगी हो, ताकि उसकी भाभी ये ताना न मारे कि ननद तो सस्ती राखी बांधकर रस्म निभाती है। क्या महंगी राखी दिखावा बनकर नहीं रह गई है। क्या हमने बहन को नीचा दिखाने के लिए घर बुलाया है या उसे यह अहसास दिलाने के लिए अभी तेरा भाई है, तू फिक्र मत कर बहना।

    उपहार पर रहती सबकी नजर

    हालांकि इसमें अपवाद भी है, लेकिन ज्यादातर भाई रक्षाबंधन पर अपनी बहनाें काे उपहार रूप में काेई चीज या नगद देते हैं। लेकिन आजकल 50 प्रतिशत मामलों में हमने देखा है कि बहन की राखी लागत भी उपहार में नहीं निकलती है। इसलिए हम कुछ ज़्यादा बहन काे देने की सोचते हैं। हमने इस चकाचौंध भरी जीवनशैली के कारण भाई-बहन के प्यार को पैसे के तराजू मे ही रख दिया। सभी भाइयों काे प्रण करना चाहिए कि हम सिर्फ बहन से माेली धागा ही बंधवाएंगे। इसके साथ मिठाई में सिर्फ गुड ग्रहण करेंगे। इसके बदले जाे देना है, बहन काे वह देते रहेंगे। आप हम देखते हैं कि राखियां हम सब दो-चार घंटे या शाम तक ही बांधकर रख पाते हैं। बहन का सैकड़ों रुपया उस राखी पर लगा धन था, जाे कुछ ही घंटे का मेहमान था।

    सुधार करके अपने पुराने माेली धागा या गोमय राखी बांधें, ताे आपका बीरा (भाई) साल भर भी बांधे रखेगा। यह बहन के लिए गर्व की बात होगी कि मेरा भाई मेरे रक्षा सूत्र को सदा बांधे रखता है। वहीं भाई को भी सदा बहन का स्मरण रहेगा कि मेरी बहन मुझे सदा प्यार व दुलार बरसाने वाली है। सभी भाई-बहन  इसको सच में आत्मसात करें, भाई-बहन के स्नेह को पैसे के तराजू में ना तोलें।