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    Hotel Taj ः भारत ही नहीं दुनिया का सबसे खास है ये होटल, आप भी जानिए इसका इतिहास

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Sun, 11 Jul 2021 03:28 PM (IST)

    ब्रिटिश काल में एक सबसे भव्य होटल में जमशेद जी टाटा को प्रवेश करने से मना कर दिया गया था क्योंकि उस होटल में सिर्फ गोरे लोगों की ही इंट्री थी। जमशेद जी टाटा ने इसे पूरे भारतीयों का अपमान समझा और फैसला किया कि वे एक ऐसा होटल बनाएंगे।

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    आज ताज दुनिया के सबसे भव्य होटलों में शुमार है।

    जमशेदपुर, निर्मल।  भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे भव्य होटलों में एक है होटल ताज। यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी हॉस्पिटैलिटी कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी (आइएचसीएल) द्वारा दुनिया की सबसे भव्य होटल चेन में से एक है। जिन लोगों ने ताज होटल के आतिथ्य का अनुभव किया है उन्होंने भी कम से कम एक बार इस होटल को देखने की सिफारिश की है तो सोच लें कि ये कितना अदभुत होगा। तो आइए हम आपको बताते हैं कि इसके पीछे का इतिहास।

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    आप तो जानते ही हैं कि होटल ताज का निर्माण टाटा समूह के संस्थापक जमशेद जी नशरवान जी टाटा ने किया है। लेकिन इस होटल के निर्माण के पीछे एक कहानी है जिसके कारण ही जमशेद जी टाटा को होटल का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया। बताया जाता है कि ब्रिटिश काल में एक सबसे भव्य होटल में जमशेद जी टाटा को प्रवेश करने से मना कर दिया गया था क्योंकि उस होटल में सिर्फ गोरे लोगों की ही इंट्री थी। जमशेद जी टाटा ने इसे पूरे भारतीयों का अपमान समझा और फैसला किया कि वे एक ऐसा होटल बनाएंगे जहां केवल भारतीय ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी लोगों को बिना किसी प्रतिबंध के आने और रहने की अनुमति होगी। इस सपने को पूरा करने के लिए टाटा साहब ने देश का पहला सुपर लक्जरी होटल का निर्माण किया। आज ताज दुनिया का सबसे भव्य होटलों में शुमार है। हाल ही में होटल ताज की गुणवत्ता और आतिथ्य सत्कार के कारण इसे अंतराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया का सबसे होटल ब्रांड में शामिल किया गया है।

    वास्तुशिल्प का है अदभुत नमूना

    मुंबई में स्थित होटल ताज को वास्तुशिल्प का अदभुत नूमना माना जाता है। होटल ताज की नींव टाटा समूह के संस्थापक जमशेद जी टाटा ने वर्ष 1898 में रखी और 16 दिसंबर 1902 में मेहमानों के आतिथ्य सत्कार के लिए सबसे पहले इस होटल के दरवाजे खुले थे। जबकि 31 मार्च 1911 में उसके ठीक सामने गेटवे ऑफ इंडिया की नींव रखी गई थी। ताज पैलेस बिजली से जगमगाने वाली बॉम्बे की पहली इमारत है। इस होटल को दो अलग-अलग इमारतों से मिलाकर बनाया गया है। इसमें एक का नाम है ताजमहल पैलेस जबकि दूसरे का नाम है ताज टावर। दोनों इमारतों का एेतिहासिक स्वरूप और स्थापत्य स्वरूप एक दूसरे से अलग है। ताजमहल पैलेस 20वी शताब्दी की शुरूआत में बनाया गया था जबकि टॉवर काे 1973 में मेहमानों के लिए खोला गया था।

    बड़ी-बड़ी हस्तियां आ चुके हैं इस होटल

    टाटा समूह के संस्थापक जमशेद जी टाटा ।

    इस होटल की भव्यता के कारण यहां कई देशों के राष्ट्रपति, उद्योग जगत की बड़ी हस्तियां, हॉलीवुड और बॉलीवुड की हस्तियां भी यहां का आतिथ्य का आनंद उठा चुके हैं। रतनबाई पेटिट, पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की दूसरी पत्नी, 1929 में अपने अंतिम दिनों के दौरान होटल में रहती थीं। इसके अलावा भी कई बड़ी हस्तियाें का जन्म भी है। टाटा साहब की दरियादिली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले विश्वयुद्ध के समय इस होटल को 600 बेड का एक सैन्य अस्पताल में बदल दिया गया था। इस होटल को ब्रिटिश राज के समय से ही बेहतरीन होटलों में से एक माना जाता है।

    2008 में हुआ था मुंबई हमला

    वर्ष 2008 में पाकिस्तान की ओर से मुंबई हमला हुआ था। इस हमले का मुख्य लक्ष्यों में से एक लक्ष्य था होटल ताज। इस होटल की भव्यता ऐसी कि दुश्मन देश भी इससे जलते हैं इसीलिए मुंबई में जब आंतकी हमला हुआ तो आंतकवादियों ने इस होटल काे काफी नुकसान पहुंचाया। दुनिया भर के नायाब पेटिंग, हस्तकला के कई आकृतियों को नष्ट कर दिया गया। होटल को भी जलाने की कोशिश की गई। इसके बावजूद होटल ताज पूरे विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है। कई उतार चढ़ाव के बावजूद ताज होटल को ग्लोबल ब्रांड इक्विटी मॉनिटर, ब्रांड फायनांस पर सबसे अच्छा स्कोर मिला है। जो उसे दूसरों से बेहतर बनाता है।