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    यहां 1951 में एक रुपये में मिलता था आठ पीस लंगड़ा आम

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 22 Sep 2018 07:00 AM (IST)

    जमशेदपुर शहर का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है। यहां के कण-कण में इतिहास की कहानियां छिपी हैं।

    यहां 1951 में एक रुपये में मिलता था आठ पीस लंगड़ा आम

    अवनीश कुमार, जमशेदपुर : जमशेदपुर शहर का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है। यहां के कण-कण में कई कहानियां छिपी हैं। इस शहर पर दर्जनों किताबें लिखी गई हैं। समय के साथ जमशेदपुर तेजी से बदल रहा है। ऐसे में यहां के इतिहास से युवाओं को रूबरू करना चाहिए। यह हमसब की जिम्मेदारी है।

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    - वर्ष 1925 में महात्मा गांधी, चितरंजन दास तथा सीएफ एंड्रूज श्रमिक समस्या पर विचार करने के लिए जमशेदपुर आए थे। उन्होंने आरडी टाटा से बात की थी।

    - वर्ष 1925 में जमशेदपुर का बड़ा डाकघर वर्तमान बिष्टुपुर भवन में खुला था।

    - वर्ष 1927 में जमशेदपुर शहर में भयानक बाढ़ आई थी। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था।

    - वर्ष 1928-29 में टिस्को में तीन माह से अधिक हड़ताल रही। नेता जी सुभाषचंद्र बोस ने यहां आकर समझौता कराया था।

    - वर्ष 1932 में पहली बार तीन मार्च को संस्थापक दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई।

    - वर्ष 1938 में जुगसलाई में विद्युत वितरण का लाइसेंस जुगसलाई इलेक्ट्रिक सप्लाई को मिला।

    - वर्ष 1942 में शहर के बीच बहने वाली स्वर्णरेखा नदी पर पक्के पुल का निर्माण कराया गया।

    - वर्ष 1945 में पानी की आपूर्ति के लिए डिमना नाला रिजर्वेयर का निर्माण कराया गया।

    - वर्ष 1946 में 12 विद्यार्थियों और अवैतनिक शिक्षकों ने मिलकर जमशेदपुर टयूटोरियल कॉलेज प्रारंभ किया था।

    - वर्ष 1950 में 7 जुलाई को टिस्को समाचार का प्रकाशन शुरू हुआ था।

    - वर्ष 1950 में 26 नवंबर को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नेशनल मेटालर्जिकल लेबोरट्री का उद्घाटन किया था।

    - वर्ष 1951 में लंगड़ा आम एक रुपये में आठ और बैगन फूली आम 10 पीस मिला करते थे।

    - वर्ष 1951 में दो नवंबर को जमशेदपुर हाई स्कूल का शिलान्यास हुआ था।

    - वर्ष 1951 में 20 जनवरी को भारत स्काउट एंड गाइड सिंहभूम की शुरुआत हुई थी।