Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    छुआछूत की बीमारी नहीं है जिरपित्ती : डॉ. आर कुमार

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 02 Oct 2021 09:45 AM (IST)

    विश्व जिरपित्ती दिवस के मौके पर शुक्रवार को गोलमुरी व आदित्यपुर स्थित डॉ. कुमार क्लीनिक में जागरूकता कार्यक्रम व जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों को जिरपित्ती रोग के बारे में बताया गया। साथ ही एक दर्जन से अधिक लोगों की जांच भी की गई।

    Hero Image
    छुआछूत की बीमारी नहीं है जिरपित्ती : डॉ. आर कुमार

    जासं, जमशेदपुर : विश्व जिरपित्ती दिवस के मौके पर शुक्रवार को गोलमुरी व आदित्यपुर स्थित डॉ. कुमार क्लीनिक में जागरूकता कार्यक्रम व जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों को जिरपित्ती रोग के बारे में बताया गया। साथ ही एक दर्जन से अधिक लोगों की जांच भी की गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. आर. कुमार ने बताया कि जिरपित्ती एक चर्म रोग बीमारी है। इसमें चमड़े पर लाल रंग का गोला आकार सा उभर आता है। इस दौरान मरीज को काफी खुजली और जलन होती है। इसके दो टाइप होते है। अगर बीमारी छह सप्ताह से हो रही है तो इसे एक्यूट जिरपित्ती बोलते हैं और उससे अधिक समय से है तो इसे क्रोनिक जिरपित्ती कहते हैं। कभी-कभार स्थिति गंभीर भी हो जाती है। इस दौरान मरीज को भर्ती करना पड़ जाता है। डॉ. आर कुमार ने कहा कि यह छुआछूत की बीमारी नहीं है। इस बीमारी का लक्षण गर्म, ठंड, बैंगन खाने सहित अन्य समय देखने को मिलता है। इसका इलाज संभव है।

    अब जिले के 47 स्वास्थ्य केंद्रों को कायाकल्प अवार्ड दिलाने की तैयारी

    पूर्वी सिंहभूम जिले के 19 स्वास्थ्य केंद्रों को कायाकल्प अवार्ड मिलने से पदाधिकारियों का उत्साह बढ़ गया है। अब अगली बार प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए जिले के 47 स्वास्थ्य केंद्रों को तैयार किया जा रहा है। इसमें सात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 34 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, एक शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है। ॉ

    कायाकल्प अवार्ड के लिए हर साल टीम जांच करने के लिए आती है। इस दौरान साफ सफाई से लेकर कई मानकों पर खरा उतरना होता है। इसमें 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले स्वास्थ्य केंद्रों को पुरस्कार के लिए चयनित किया जाता है। नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस सर्टिफिकेट (एनक्यूएएस) के नोडल पदाधिकारी डॉ. साहिर पाल ने कहा कि यह प्रतियोगिता शुरू होने से स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति काफी ठीक हुई है।