Tata Cummins : टाटा मोटर्स के बाद अब टाटा कमिंस में भी चार साल के लिए होगा ग्रेड रिवीजन
Tata Cummins टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी होने की वजह से उसी की तर्ज पर टाटा कमिंस में भी समझौते होते रहे हैं। यहां पिछला ग्रेड रिवीजन अप्रैल 2019 से लंबित था जो 2020 में हुआ। उस समय कर्मियों को कुल 17 हजार की बढ़ाेतरी हुई थी।

जमशेदपुर : टाटा मोटर्स के बाद अब टाटा कमिंस कर्मचारियों का भी ग्रेड रिवीजन समझौता होगा। यहां भी ग्रेड रिवीजन की समय-सीमा चार साल के लिए होगी। टाटा मोटर्स की तर्ज यहां भी तीन साल के लिए समझौता होता था, लेकिन वहां चार साल की समय-सीमा होने के बाद यहां भी समझौते की राह आसान हो गई है।
अप्रैल 2019 से लंबित था ग्रेड
टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी होने की वजह से उसी की तर्ज पर टाटा कमिंस में भी समझौते होते रहे हैं। यहां पिछला ग्रेड रिवीजन अप्रैल 2019 से लंबित था जो 2020 में हुआ। उस समय कर्मियों को कुल 17 हजार की बढ़ाेतरी हुई थी। वहीं 2016 के ग्रेड रिवीजन में करीब 12 हजार की बढ़ोतरी हुई थी। ऐसे में उम्मीद लगाई जाती है कि इस बार का ग्रेड रिवीजन चार साल का होगा तो राशि में कुल बढ़ोतरी पांच से छह हजार होगी।
टाटा मोटर्स से अलग नहीं होगा निर्णय
2010 में ही टाटा मोटर्स की बगल की कंपनी (अब खड़गपुर) टाटा हिताची का ग्रेड रिवीजन की समय-सीमा तीन से बढ़ाकर चार साल हो गया। उसी समय से टाटा मोटर्स में भी चार साल की समय-सीमा बढ़ाने का दबाव हो रहा था। वहीं इस बार 2022 में ग्रेड की समय-सीमा चार साल कर दिया गया।
उधर, टाटा कमिंस प्रबंधन का मानना है कि वह कोई भी निर्णय टाटा मोटर्स से अलग नहीं ले सकता है। सहायक कंपनी होने के नाते टाटा मोटर्स की तर्ज पर ही यहां हर निर्णय होता है। यूनियन चुनाव बाद ग्रेड रिवीजन की वार्ता शुरू होगी तथा हर हाल में कर्मचारी हित में समझौता होगा।
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