घाटशिला उपचुनाव: प्रदीप बलमुचू की नाराजगी के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता भी साइलेंट, महागठबंधन को होगा नुकसान?
घाटशिला उपचुनाव में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन सक्रिय हैं, लेकिन झामुमो अब तक बलमुचू को मनाने में असफल रहा है। कांग्रेस के नेता झामुमो का समर्थन कर रहे हैं, पर बलमुचू की नाराजगी से कार्यकर्ता निष्क्रिय हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को स्थिति से अवगत कराया गया है और अब देखना है कि पार्टी बलमुचू के अनुभव का लाभ कैसे उठाती है।

संवाद सहयोगी, घाटशिला। पल-पल बदलते राजनीतिक समीकरण के बीच झामुमो के लिए राह आसान नहीं। भले ही ये सीट झामुमो के पाले में थी,लेकिन उपचुनाव बदलते राजनीतिक समीकरण के बीच सीट पर कांटे की टक्कर होने की प्रबल संभावना बन गई। इस उपचुनाव में सबसे ज्यादा सक्रिय पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन नजर आ रहे।
उनके पास राजनीतिक अनुभव भी है और कई चुनाव लड़ने का तर्जुबा। ऐसे में वे अपनी पुरी ताकत इस सीट को जीतने में लगा दे रहे। झामुमो के भले ही कई मंत्री घाटशिला आ चुके है, लेकिन वे पार्टी के कार्यक्रमों तक ही अब तक सीमित है।
दिवंगत मंत्री के पुत्र सोमेश सोरेन लगातार झामुमो के कार्यक्रमो के जरिए जनता तक पहुंच रहे। वे अपने पिता के नाम व काम के सहारे क्षेत्र में पुरी तरह एक्टिव हो चुके। हालांकि वे या उनके पार्टी के शीर्ष नेता अब भी बलमुचू को अपनी तरफ कर पाने में असफल ही दिख रहे है।
इधर सोमवार को चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन इंडी गठबंधन के नेता अब भी एक साथ नजर नहीं आ रहे। घाटशिला के तीन बार विधायक रहे डॉ.प्रदीप कुमार बलमुचू अब तक झामुमो के किसी मंच पर नजर नहीं आए।
वे क्षेत्र में तो सक्रिय है, लेकिन सिर्फ कांग्रेस को मजबूत बनाने को ले काम कर रहे। भले ही कांग्रेस के कई नेता इंटरनेट मीडिया में साक्षात्कार के जरिए घाटशिला सीट पर झामुमो का पूर्ण समर्थन कर रहे हों, लेकिन वे भी जानते घाटशिला सीट में जीत हासिल करने के लिए बलमुचू के राजनीतिक अनुभव बेहद ज्यादा मायने रखते।
ऐसे में घाटशिला सीट के पल पल की अपडेट सीएम हेमंत सोरेन के पास भी जा रही। उन्हें भी बलमुचू के नाराजगी की बातों से अवगत कराया गया। अब ऐसे में देखना होगा की सीएम हेमंत सोरेन या पार्टी के शीर्ष नेता बलमुचू के अनुभव का इस चुनाव में किस रूप से लाभ लेते है, या सरकार के कामकाज के भरोसे ही उपचुनाव में जीत की कोशिश करेंगे।
फिलहाल बलमुचू के नाराजगी के कारण कांग्रेस के कार्यकर्ता भी साइलेंट मोड में चले गए। ऐसे में विपक्षी दल भाजपा की पैनी नजर भी इन तमाम बदलते समीकरणों पर है।
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