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    Ghatshila Bypoll: त्रिकोणीय मुकाबले के लिए घाटशिला तैयार, दांव पर पूर्व CM चंपाई सोरेन की प्रतिष्ठा

    By Jitendra KumarEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Mon, 10 Nov 2025 11:30 AM (IST)

    घाटशिला उपचुनाव (Ghatshila By election) में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, जिसमें झामुमो, भाजपा और आजसू पार्टी के उम्मीदवार शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न है। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। झामुमो और आजसू पार्टी भी इस सीट पर अपनी जीत के लिए प्रयासरत हैं।

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    घाटशिला उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए मंच पूरी तरह सज चुका है। सोमवार को को-आपरेटिव कॉलेज स्थित डिस्पैच सेंटर से मतदान दलों को उनके निर्धारित मतदान केंद्रों के लिए रवाना कर दिया गया।

    11 नवंबर को होने वाले इस महत्वपूर्ण उपचुनाव के लिए जिला प्रशासन ने शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भयमुक्त मतदान सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है।

    यह उपचुनाव झामुमो के कद्दावर नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के कारण आवश्यक हो गया है। रविवार शाम को चुनाव प्रचार का शोर थमने के बाद अब सभी की निगाहें मतदाताओं के फैसले पर टिकी हैं।

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    मतदानकर्मी रवाना, प्रशासन मुस्तैद

    सोमवार सुबह से ही को-आपरेटिव कालेज में गहमागहमी का माहौल रहा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी कर्ण सत्यार्थी और वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय ने स्वयं डिस्पैच स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट, मतदान कर्मियों और सुरक्षा बलों को संबोधित करते हुए निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया।

    कर्ण सत्यार्थी ने कहा, सभी मतदान दल बिना किसी देरी के अपने-अपने केंद्रों पर पहुंचें और यह सुनिश्चित करें कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई चूक न हो। इस दौरान उन्होंने मतदान सामग्री के सुरक्षित वितरण, वाहनों की आवाजाही और सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की। प्रशासन ने मतदाताओं को आश्वस्त किया है कि वे बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।

    क्यों हो रहा है उपचुनाव?

    घाटशिला विधानसभा सीट राज्य के शिक्षा मंत्री और झामुमो के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हो गई थी।क्षेत्र में गहरी पकड़ रखने वाले सोरेन के निधन से क्षेत्र की जनता में शोक की लहर थी। अब इस उपचुनाव का परिणाम यह तय करेगा कि घाटशिला का अगला प्रतिनिधि कौन होगा।

    त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

    इस उपचुनाव में यूं तो कुल 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है।झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे सोमेश सोरेन को मैदान में उतारकर सहानुभूति कार्ड खेला है।वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन पर एक बार फिर भरोसा जताया है।

    इन दोनों प्रमुख दलों के बीच, जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) ने रामदास मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जेएलकेएम का प्रदर्शन चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है।

    शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुख्ता सुरक्षा

    चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और संवेदनशील इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है।

    रविवार शाम पांच बजे प्रचार थमने के बाद से ही क्षेत्र में बाहरी नेताओं और कार्यकर्ताओं की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। अब उम्मीदवार केवल घर-घर जाकर ही संपर्क साध सकते हैं।मतगणना 14 नवंबर को होगी, जिसके बाद घाटशिला के नए विधायक का नाम स्पष्ट हो जाएगा।