GHATSHILA BYELECTION : धालभूमगढ़ में मतदान से पहले रुपये बांटते युवक को पुलिस ने पकड़ा, 30,500 रुपये बरामद, एफआईआर दर्ज
घाटशिला उपचुनाव से पहले धालभूमगढ़ में पुलिस ने एक युवक को मतदाताओं को रुपये बांटते हुए गिरफ्तार किया। उसके पास से 30,500 रुपये बरामद हुए हैं और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि युवक को रुपये कहां से मिले थे।

फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में वोट के बदले नोट बांटने का गंभीर मामला सामने आया है। विधानसभा क्षेत्र में 11 नवंबर को मतदान हुआ, उसी से ठीक पहले 10 नवंबर की रात भर धालभूमगढ़ और आसपास के इलाकों में मतदाताओं के बीच रुपये बांटे जाने की सूचना मिली।
गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बूथ नंबर 129 के समीप दीबा मिडिल स्कूल के पास एक युवक को रंगे हाथ पकड़ लिया, जो मतदाताओं को पैसे बांटने पहुंचा था।
आरोपी युवक की पहचान धालभूमगढ़ के जूनबनी गांव निवासी दसमत टुडू के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके पास से 30,500 रुपये बरामद किए, जिनमें 500 रुपये के 61 नोट शामिल हैं।
दसमत टुडू रुपये बांटने के लिए बाइक से आया था, जिसे पुलिस ने मौके पर जब्त कर लिया। पुलिस के अनुसार, सोमवार रात उन्हें सूचना मिली थी कि बूथ के नजदीक एक युवक लगातार मतदाताओं को पैसे देकर मतदान को प्रभावित कर रहा है।
सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और युवक को पकड़ लिया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि दसमत शाम से ही क्षेत्र में घूमकर रुपये बांट रहा था।
प्राथमिक जांच में यह भी पता चला है कि युवक कुल 50 हजार रुपये लेकर निकला था, जिसमें से लगभग 19,500 रुपये वह पहले ही मतदाताओं के बीच बांट चुका था। शेष रकम पुलिस ने उसके पास से बरामद की।
हालांकि, युवक किस उम्मीदवार के लिए काम कर रहा था, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। धालभूमगढ़ थाना प्रभारी धीरज कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के बावजूद आरोपी ने यह नहीं बताया कि उसे पैसा किसने दिया और वह किस प्रत्याशी के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित कर रहा था।
थाना प्रभारी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता का यह स्पष्ट उल्लंघन है और मतदान को प्रभावित करने की नीयत से पैसे बांटना गंभीर अपराध है। इस आधार पर आरोपित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
पुलिस ने यह भी बताया कि इलाके में वोट खरीदने से जुड़ी अन्य शिकायतों की भी सत्यता की जांच की जा रही है। चुनाव आयोग ने भी घटना का संज्ञान लिया है और जिला प्रशासन को सख्त निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
उपचुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच भी चर्चा तेज है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि चुनाव से पहले इस तरह की गतिविधियां अक्सर देखी जाती हैं, लेकिन इस बार पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मामले का खुलासा संभव हो सका।
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि यदि किसी और व्यक्ति या समूह का नाम सामने आता है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद इलाके में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है और विभिन्न संगठनों ने पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की मांग की है। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है और दसमत टुडू से विस्तृत पूछताछ जारी है।

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