घाटशिला विधानसभा में रामदास के बाद कौन होगा JMM का चेहरा? उपचुनाव को लेकर पार्टी में मंथन जारी
घाटशिला विधानसभा सीट विधायक रामदास सोरेन के निधन से खाली हो गई है जहाँ अब उपचुनाव होगा। रामदास सोरेन ने तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी। उनके निधन के बाद संगठन में नेतृत्व को लेकर मंथन शुरू हो गया है। चर्चा है कि परिवार से किसी सदस्य को मौका मिल सकता है।

संवाद सूत्र, घाटशिला। घाटशिला विधानसभा (अजजा) सीट के विधायक सह प्रदेश के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद घाटशिला विधानसभा सीट खाली हो गई। यहां अब उपचुनाव होना तय है।
स्वर्गीय रामदास सोरेन ने घाटशिला विधानसभा सीट से तीन बार जीत दर्ज की थी। उन्हें इस सीट पर राजनीति का लंबा अनुभव रहा है। पिछले बार के चुनाव में भी रामदास सोरेन ने अच्छे मतों से जीत दर्ज की।
हालांकि अब रामदास सोरेन के निधन के बाद से इस विधानसभा में संगठन को कौन संभालेगा? किसके चेहरे को लेकर संगठन आगे बढ़ेगा? ये चर्चा का विषय बन गया है। झामुमो के अंदरखाने भी इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है।
रामदास सोरेन के संग काम करने वाले झामुमो में कई अनुभवी व वरिष्ठ लीडर भी वर्षों से घाटशिला विधानसभा में सक्रिय व पार्टी के प्रति समर्पित हैं। हालांकि विधानसभा में रामदास की मजबूत पकड़ होने के कारण इस सीट पर लगातार रामदास सोरेन को टिकट देकर शीर्ष नेतृत्व भरोसा जता रहा था।
परिवार से आएगा नया चेहरा?
ऐसे में रामदास सोरेन के आकस्मिक निधन के बाद इस बार ये भरोसा किस पर जताया जाएगा ये देखने वाली बात होगी। राजनीतिक गलियारों से चर्चाएं निकलकर आ रहीं कि रामदास के परिवार से ही किसी को संगठन घाटशिला विधानसभा में चेहरा बनाकर आगे लाएगा, लेकिन परिवार में भी कई चेहरें है।
ऐसे में वह चेहरा कौन होगा, जब तक संगठन ऐलान नहीं करता, तब तक इस पर सस्पेंस व चर्चाएं बरकार रहेंगी। इधर ये भी कहा जा रहा की उपचुनाव से पहले ही सरकार परिवार के किसी सदस्य को मंत्री पद देगी।
अब शीर्ष नेतृत्व के निर्णय का घाटशिला विधानसभा के झामुमो नेता व कार्यकर्ताओं को भी इंतजार है। फिलहाल घाटशिला विधानसभा सीट को लेकर हुए हालिए घटनाक्रम के बाद विपक्ष भी सत्तापक्ष के निर्णयों के इंतजार व तैयारियों के मोड में आ चुका है।
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