सदर अस्पताल में रोशनी की नई पहल, हर हफ्ते दो दिन होगी मुफ्त मोतियाबिंद सर्जरी
जमशेदपुर के सदर अस्पताल में राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को मोतियाबिंद की निशुल्क सर्जरी की जाएगी। इस सुविधा ...और पढ़ें

मोतियाबिंद की फ्री सर्जरी। (जागरण)
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। आंखों की रोशनी बचाने की दिशा में सदर अस्पताल ने अहम पहल की है। परसुडीह स्थित सदर अस्पताल में अब प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को मोतियाबिंद की निशुल्क सर्जरी की जाएगी। यह सुविधा राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के तहत शुरू की गई है।
अब तक नियमित सरकारी सुविधा के अभाव में मरीजों को निजी अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता था, जहां ऑपरेशन पर हजारों रुपये खर्च होते थे। नई व्यवस्था से खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
राज्य अंधापन नियंत्रण पदाधिकारी, रांची की ओर से 8 दिसंबर को आयोजित समीक्षात्मक बैठक के आलोक में सभी सदर अस्पतालों में मोतियाबिंद ऑपरेशन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था।
इसी क्रम में पूर्वी सिंहभूम जिले के सदर अस्पताल, खासमहल में सप्ताह में दो दिन नियमित सर्जरी की व्यवस्था लागू की गई है।
स्क्रीनिंग के बाद भर्ती, विशेषज्ञ टीम करेगी ऑपरेशन
अस्पताल प्रशासन के अनुसार मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों की पहले स्क्रीनिंग और प्रारंभिक जांच की जाएगी। जांच में योग्य पाए जाने वाले मरीजों को आवश्यक ब्लड टेस्ट, बीपी और शुगर जांच के बाद ऑपरेशन के लिए भर्ती किया जाएगा। नेत्र विभाग की विशेष टीम द्वारा सर्जरी की जाएगी, जिसमें अनुभवी नेत्र चिकित्सक, नर्स और तकनीकी स्टाफ शामिल रहेंगे।
इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने जिला नोडल पदाधिकारी समेत सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सीएचओ, एएनएम, सहिया एवं नेत्र सहायकों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में मोतियाबिंद से ग्रसित मरीजों की पहचान कर स्क्रीनिंग कराएं और उन्हें सदर अस्पताल भेजना सुनिश्चित करें।
आंकड़े बताते हैं योजना की जरूरत और असर
राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम और स्वास्थ्य विभाग के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, जिले में हर वर्ष करीब 3,500 से 4,000 नए मोतियाबिंद मरीज सामने आते हैं। भारत में कुल अंधत्व के मामलों में लगभग 60 से 65 प्रतिशत कारण मोतियाबिंद होता है।
वहीं, आयुष्मान भारत पैकेज रेट्स और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अध्ययनों के अनुसार निजी अस्पतालों में एक आंख के मोतियाबिंद ऑपरेशन पर औसतन 15 से 25 हजार रुपये तक खर्च आता है।
सदर अस्पताल में मुफ्त सर्जरी शुरू होने से हर सप्ताह करीब 20 से 25 मरीजों का ऑपरेशन संभव होगा। इस आधार पर सालाना 2,000 से अधिक मरीजों को लाभ मिलने का अनुमान है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में अहम कदम
नियमित और निशुल्क मोतियाबिंद सर्जरी से न सिर्फ अंधत्व की दर में कमी आएगी, बल्कि बुजुर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को भी समय पर इलाज मिल सकेगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह पहल जिले की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी।
सदर अस्पताल में लगातार सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। मोतियाबिंद की सर्जरी शुरू होने से गरीब मरीजों को काफी लाभ मिलेगा। उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
डॉ. साहिर पाल, सिविल सर्जन।

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